scorecardresearch
 

सेक्‍यूलर नहीं तो प्रधानमंत्री नहीं: जेडीयू

एनडीए का प्रधानमंत्री कौन होगा. बीजेपी गुपचुप ही सही मोदी के पीछे-पीछे दौड़ने लगी है. लेकिन जेडीयू को भी अपना एजेंडा तय करना है और इस चक्कर में मामला फंस भी सकता है. बीजेपी इसी आशंका से चुप है और जेडीयू कह रही है कि जल्दी नाम बताओ.

Advertisement
X
नीतीश कुमार
नीतीश कुमार

एनडीए का प्रधानमंत्री कौन होगा. बीजेपी गुपचुप ही सही मोदी के पीछे-पीछे दौड़ने लगी है. लेकिन जेडीयू को भी अपना एजेंडा तय करना है और इस चक्कर में मामला फंस भी सकता है. बीजेपी इसी आशंका से चुप है और जेडीयू कह रही है कि जल्दी नाम बताओ.

Advertisement

जेडीयू ने कहा है कि उसने प्रधानमंत्री पद के मामले में सिद्धांत तय कर दिया है. जेडीयू सांसद अली अनवर अंसारी ने कहा, 'हमने सिद्धांत तय कर दिया है. इस पद का प्रत्याशी सेक्‍यूलर पृष्ठभूमि का होना चाहिए और सभी को साथ लेकर चलने वाला होना चाहिए और उसे पिछड़े राज्यों के अधिकारों का प्रवक्ता होना चाहिए.'

उन्होंने कहा कि एनडीए अपने प्रधानमंत्री प्रत्याशी के बारे में फैसला लेगा और बड़े घटक के रूप में भारतीय जनता पार्टी को एक नाम प्रस्तावित करना होगा. उन्होंने कहा, 'अंतिम फैसला राजग की बैठक में लिया जाएगा.

उधर पंजाब के उपमुख्यमंत्री सुखवीर सिंह बादल ने कहा है कि अकाली दल BJP द्वारा घोषित प्रधानमंत्री पद के दावेदार के साथ है. जबकि शिव सेना की राय कुछ अलग है. शिव सेना का कहना है कि पहले NDA अपना उम्‍मीदवार तय करें फिर हम अपना फैसला करेंगे.

Advertisement

दरअसल इसी महीने की 13 तारीख को दिल्‍ली में JDU की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होने वाली है. दो दिन तक चलने वाली इस बैठक में पार्टी के सभी दिग्गज मौजूद रहेंगे. माना जा रहा है कि इस दौरान ही BJP से PM पद के उम्मीदवार पर रुख साफ करने को कहा जाएगा.

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि आगामी 13-14 अप्रैल को दिल्ली में आयोजित JDU की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के दौरान देश की राजनीतिक एवं आर्थिक स्थिति पर विचार मंथन किया जाएगा. अगले लोकसभा चुनाव में BJP के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के बारे में नीतीश ने कहा कि यह BJP का अंदरुनी मसला है, हमें इसमें दखल देने की जरूरत नहीं है. उन्होंने मीडियाकर्मियों से कहा कि JDU की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में जो राय बनेगी उससे NDA के साथ-साथ आप सभी को अवगत कराया जाएगा.

जबसे BJP में मोदी के नाम की चर्चा तेज हुई है तभी से JDU और BJP के बीच थोड़ी दूरी भी आनी शुरू हो गई है. बिहार BJP के कुछ नेता भी लगातार मोदी के गुणगान मे जुटे हुए हैं. जिसका असर दोनों पार्टियों के रिश्ते पर पड़ा है.

NDA के PM प्रत्याशी को लेकर JDU अध्यक्ष शरद यादव ने इशारों में नरेंद्र मोदी की दावेदारी को नामंजूर कर दिया है. उन्होंने कहा, 'हम किसी व्यक्ति के खिलाफ नहीं हैं. पर हमारे कुछ सिद्धांत हैं जिनके साथ समझौता नहीं हो सकता है.'

Advertisement

वहीं उनकी ही पार्टी के सांसद महेश्वर हजारी ने कहा कि PM उम्मीदवार को लेकर नीतीश कुमार पहले ही अपना रुख साफ कर चुके हैं. BJP किसे अपना उम्मीदवार बनाना चाहती है यह उनका अंदरुनी मामला है. हम समय आने पर फैसला करेंगे.

हालांकि BJP ने भरोसा जताया है कि NDA गठबंधन को कोई खतरा नहीं है. BJP नेता कीर्ति आजाद ने कहा कि गठबंधन को कोई खतरा नहीं है. हमारा गठबंधन और भी मजबूत हुआ है. कीर्ति आजाद ने यह भी साफ किया कि पार्टी की संसदीय समिति PM प्रत्याशी पर आखिरी फैसला करेगी.

JDU-BJP के बीच तनाव की खबरें सामने आईं तो विरोधियों को चुटकी लेने का मौका मिल गया. कांग्रेस नेता हरीश रावत ने कहा कि मोदी ऐसी छवि बनाना चाहते हैं जो उनके कर्मों से मेल नहीं खाता. इस देश का कोई भी धर्मनिरपेक्ष शख्सियत और पार्टी मोदी का साथ नहीं देना चाहेंगे.'

कुछ दिन पहले ही BJP के प्रमुख सहयोगी दल JDU ने नरेन्द्र मोदी को निशाना बनाते हुए कहा था कि वह प्रधानमंत्री बनने के लिए ‘बेताब’ हैं, जबकि गुजरात विकास का उनका मॉडल गैर-समावेशी है. JDU नेता शिवानंद तिवारी ने कहा कि मोदी पहले ही मान चुके हैं कि वे BJP के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार हैं. हालांकि BJP ने कहा था कि प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार का फैसला उसका संसदीय बोर्ड करेगा.’

Advertisement

उधर पंजाब के उपमुख्यमंत्री सुखवीर सिंह बादल ने कहा है कि अकाली दल BJP द्वारा घोषित प्रधानमंत्री पद के दावेदार का समर्थन करेगा. हालांकि शिव सेना की राय अलग है. शिव सेना प्रमुख उद्धव ठाकरे का कहना है कि NDA पहले अपना उम्‍मीदवार तय कर लें फिर हम अपनी राय रखेंगे.

जाहिर है एनडीए की सियासत की उलझन मोदी के आसपास आकर अटकती है. गांधीनगर से दिल्ली की ओर फर्राटा दौड़ लगा रहे मोदी अब बाधा दौड़ में फंस गए हैं. और बाधा बने हैं उनके पुराने प्रतिद्वंद्वी नीतीश कुमार. वो चौकस हैं दिल्ली की तरफ मोदी के बढ़ते तेज कदमों से. और इसीलिए बार-बार ये कह रहे हैं कि एनडीए अपना पीएम इन वेटिंग जल्द से जल्द तय करे ताकि वो अपने भविष्य की राजनीति तय कर सकें.

Advertisement
Advertisement