कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय माकन ने सोशल साइट फेसबुक और सोशल मैसेजिंग एप वॉट्सएप पर चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की मदद करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सांप्रदायिक वैमनस्य फैलाने का आरोप लगाते हुए वॉल स्ट्रीट जर्नल में छपी खबर का हवाला दिया और कहा कि संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से इसकी जांच कराई जानी चाहिए.
अजय माकन ने रविवार को पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े लोगों और फेसबुक के शीर्ष अधिकारियों के बीच क्या संबंध हैं, इसकी जांच कराई जानी चाहिए. फेसबुक मुख्यालय को भी इसकी जांच करनी चाहिए. यह सर्वाधिक यूजर्स वाले देश में फेसबुक की विश्वसनीयता से जुड़ा है. उन्होंने कहा कि फेसबुक को चाहिए कि वो उन एग्जीक्यूटिव्स को हटाए, जिनके भाजपा नेताओं से संबंध हैं.
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माकन ने कहा कि यदि निष्पक्ष जांच नहीं कराई गई तो इन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स से लोग भरोसा खो देंगे. कांग्रेस के डेटा सेल हेड प्रवीण चक्रवर्ती इस मुद्दे को तीन दफे अमेरिका में फेसबुक के अधिकारियों के सामने उठा चुके हैं. उन्होंने कहा कि वॉल स्ट्रीट जर्नल की स्टोरी का हवाला देते हुए कहा कि भारतीय चुनावों में फेसबुक के दखल की ओर यह साफ इशारा करता है.
अजय माकन ने आरोप लगाया कि भाजपा और फेसबुक के भारतीय अधिकारियों के बीच सांठगांठ है. माकन ने कहा कि हमने फेसबुक के गवर्नेंस और इलेक्शंस के ग्लोबल हेड, वॉट्सएप के ग्लोबल सीईओ, लोकसभा चुनाव के दौरान आंखी दास से भी मुलाकात कर इस मुद्दे को उठाया था, लेकिन इस दिशा में कुछ भी नहीं किया गया.
अजय माकन ने वैचारिक समानता वाले अन्य दलों से भी एकजुट होने की अपील की और कहा कि यह लोकतंत्र की जड़ पर हमला है. वहीं, रोहन गुप्ता ने बताया कि भारत में 29 से 30 करोड़ फेसबुक यूजर्स हैं. देश के 40 करोड़ लोग वॉट्सएप का उपयोग करते हैं. बता दें कि आज ही कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी ट्वीट कर आरोप लगाया था कि फेसबुक-वॉट्सएप पर भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कब्जे में हैं.