पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज करने वाले दिल्ली हाई कोर्ट के पूर्व जस्टिस सुनील गौर को पीएमएलए ट्रिब्यूनल का चेयरमैन बनाने की रिपोर्ट्स पर कांग्रेस ने बीजेपी पर हमला बोला है. जस्टिस सुनील गौर ने रिटायरमेंट से तीन दिन पहले आईएनएक्स मीडिया मामले में पी चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद सीबीआई ने चिदंबरम को गिरफ्तार कर लिया था. हालांकि, जस्टिस गौर की नई नियुक्ति की आधिकारिक पुष्टि अभी भी लंबित है.
जस्टिस मनमोहन सिंह फिलहाल पीएमएलए ट्रिब्यूनल के चेयरमैन हैं और वह सितंबर में रिटायर होंगे. कांग्रेस के प्रवक्ता ब्रजेश कलप्पा ने एक ट्वीट पर जस्टिस गौर पर निशाना साधा. उन्होंने लिखा, 'दुनिया में कौन सी नौकरी ऐसी है, जिसमें आपको सबसे ज्यादा नंबर मिलते हैं, अगर दी गई आंसर शीट को आप कॉपी-पेस्ट करते हैं? जज शिप. बाकी जस्टिस सुनील गौर को रिटायरमेंट के एक ही हफ्ते बाद पीएमएलए ट्रिब्यूनल का चेयरमैन बनाए जाने पर दिल से बधाई.'
इससे पहले चिदंबरम के वकील कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि पूर्व वित्त मंत्री की अग्रिम जमानत रद्द करने वाले जस्टिस गौर का आदेश ईडी के नोट का कॉपी-पेस्ट था. यह आदेश देने के लिए कोई सबूत भी नहीं था. कांग्रेस के नेशनल मीडिया पैनालिस्ट शमा मोहम्मद ने अपने ट्वीट में बीजेपी पर सवाल उठाया.
उन्होंने ट्वीट में लिखा, चिदंबरम की बेल अर्जी खारिज करने वाले जस्टिस सुनील गौर को पीएमएलए अपीलीय ट्रिब्यूनल का चेयरपर्सन बनाया गया है. पिछले साल पूर्व सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा पर फैसला सुनाने वाले जस्टिस सीकरी को शानदार पोस्टिंग दी गई थी. क्या बीजेपी सरकार में न्यायपालिका बिक रही है?