महंगाई के मुद्दे पर कांग्रेस और एनसीपी में तलवारें खिंचने लगी हैं. आम आदमी के गुस्से से अपने आपको बचाने के लिये कांग्रेस ने महंगाई का ठीकरा कृषि मंत्रालय पर फोडने की कवायद शुरू कर दी है. वहीं एनसीपी का कहना है कि कैबिनेट का फैसला सामूहिक होता है और कोई भी सत्तारूढ़ पार्टी इससे किनारा नहीं कर सकती.
बढती महंगाई से निपटने में नाकाम हो रही कांग्रेस ने अपना पल्ला झाडने की नयी तरकीब निकाली है. ठीकरा एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार के सिर पर फोड़ने की तैयारी है. दरअसल कृषि और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय दोनों ही शरद पवार के पास हैं. कांग्रेस ने चुनावी रणनीति के तहत इसकी जिम्मेदारी कृषि मंत्रालय के बहाने सरकार पर डाल दी है.
संसद में विपक्ष का हमला झेलने के बाद एनसीपी ने भी कांग्रेस के इस तर्क को बेबुनियाद करार दिया है. साफ है कि आम आदमी से जुडे महंगाई जैसे मुद्दे पर कोई भी पार्टी जनता -जनार्दन का गुस्सा नहीं झेलना चाहती.