आईपीएल के पूर्व प्रमुख ललित मोदी की मदद करने के मामले में घिरीं विदेश मंत्री सुषमा स्वराज पर एक ओर जहां विपक्ष बंटता नजर आ रहा है तो वहीं दूसरी ओर केंद्र सरकार, बीजेपी और आरएसएस से मजबूत समर्थन मिला है. सुषमा स्वराज और केंद्र सरकार पर अपराधियों से मिलीभगत का आरोप लगाते हुए कांग्रेस ने उनके इस्तीफे की मांग की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी इस मसले में घसीटने की कोशिश की.
कांग्रेस ने सवाल उठाया कि क्या विदेश मंत्री ने पीएम मोदी की अनुमति से ललित मोदी की मदद की. अगर ऐसा है तो पीएम और पार्टी के उस वादे का क्या होगा, जिसमें उन्होंने भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने की बात कही है. क्योंकि सरकार ऐसे व्यक्ति की मदद कर रही है जो 700 करोड़ रुपये के घोटाले के मामले में अभियुक्त है.
कांग्रेस ने किया कड़ा प्रहार
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके केंद्र सरकार से 11 सवाल पूछे और उनके आधार पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के इस्तीफे की मांग की. उन्होंने कहा, ‘लोग पूछ रहे हैं कि क्या PM मोदी, ललित मोदी की मदद कर रहे हैं.’ सुरजेवाला ने सुषमा के उस बयान को भी ठुकरा दिया जिसमें उन्होंने मानवीयता के आधार पर ललित मोदी की मदद की बात कही थी.
उन्होंने सांठगांठ का आरोप लगाते हुए कहा कि पूर्व आईपीएल प्रमुख ने उनके पति स्वराज कौशल को उनके भतीजे का 2013 में ब्रिटेन की एक यूनिवर्सिटी में एडमिशन दिलाने में मदद की थी. विपक्षी पार्टियों ने यह आरोप लगाते हुए सुषमा से इस्तीफे की मांग की कि कानून के एक भगोड़े की मदद करके उन्होंने गलत काम किया है. कांग्रेस ने प्रधानमंत्री की भूमिका पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री की भूमिका ‘संदेह के घेरे में है.’
बीजेपी और RSS दोनों ने किया बचाव
इस मामले में बीजेपी के साथ ही आरएसएस ने भी सुषमा के कदम को मजबूती से ‘उचित’ ठहराया है और उनके इस्तीफे की मांग को खारिज कर दिया. गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने प्रधानमंत्री से मुलाकात करने के बाद कहा, ‘हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि उन्होंने जो कुछ भी किया वह सही है . हम इसे उचित ठहराते हैं और सरकार पूरी तरह से उनके साथ खड़ी है.' बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने भी सुषमा का मजबूती के साथ बचाव करते हुए कहा कि विदेश मंत्री ने ‘मानवीय’ ढंग से काम किया और इसमें कोई ‘बड़ा नैतिक’ मुद्दा शामिल नहीं था. इस मुद्दे पर उठे ‘बवाल’ को खारिज करते हुए शाह ने कहा कि ‘राजनीतिक लाभ उठाने के प्रयास का कोई परिणाम नहीं मिलेगा’. उन्होंने कांग्रेस से सवाल किया कि उन्होंने क्वात्रोची-एंडरसन जैसी मदद तो नहीं की.
आरएसएस में संगठन के एक प्रमुख पदाधिकारी इंद्रेश कुमार ने कहा कि सुषमा स्वराज देशभक्ति और राष्ट्रवाद से भरी हैं और उन्होंने कभी इन दो चीजों पर समझौता नहीं किया है.
विपक्ष ने छोड़े बयानों के तीर...
कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह, पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद और लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकाजरुन खड़गे समेत पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने सुषमा पर हमला बोला और उनके इस्तीफे की मांग की. साथ ही प्रधानमंत्री से स्थिति स्पष्ट करने को कहा. हालांकि इस मामले में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को आश्चर्यजनक ढंग से समाजवादी पार्टी का समर्थन मिला. सपा सांसद रामगोपाल यादव ने कहा कि ललित मोदी को उनकी मदद ‘बिल्कुल सही’ है.
सीपीआई के नेता डी राजा ने कहा कि मामला गंभीर है क्योंकि सुषमा स्वराज ने ललित मोदी को मदद करना स्वीकार किया है जो आर्थिक अपराध के सिलसिले में वांटेड अपराधी हैं और भारत आने से बच रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को यह बताना चाहिए कि क्या यह उस सुशासन का हिस्सा है जिसका उन्होंने वादा किया था.
बोली AAP, 'विदेश मंत्री को बर्खाश्त करें PM'
इस मामले में जेडीयू नेता केसी त्यागी ने सुषमा स्वराज की कार्रवाई की निंदा की. वहीं, आम आदमी पार्टी के नेता आशुतोष ने कहा कि सुषमा स्वराज के पास इस्तीफा देने के अलावा कोई विकल्प नहीं है और अगर वह ऐसा नहीं करतीं तो प्रधानमंत्री को उन्हें बर्खास्त करना चाहिए.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहा, ‘मैं यह उम्मीद नहीं करता कि सुषमा स्वराज यात्रा दस्तावेज हासिल करने में ललित मोदी को मदद करेंगी, जिसके खिलाफ सरकार ने लुक-आउट नोटिस जारी किया हुआ था. मैं उनसे अपील करता हूं कि वह नैतिक आधार पर तत्काल इस्तीफा दें.’
ललित मोदी का केस लड़ रही है स्वराज की बेटी
खबर यह भी है कि ललित मोदी पर कोर्ट में चल रहे केस विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी स्वराज लड़ रही हैं. ये बात सामने आने के बाद विपक्ष को सरकार को घेरने का एक और मौका मिल गया है. बता दें कि ललित मोदी पर आईपीएल में करोड़ों रुपए के घोटाले का आरोप है.