गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के स्वास्थ्य को लेकर उठे सियासी संकट के बीच कांग्रेस ने राष्ट्रपति को ज्ञापन देकर अनुरोध किया है कि वे यह सुनिश्चित करें कि किसी तरह का गलत हथकंडे अपनाकर राज्य की विधानसभा भंग न हो.
गोवा प्रदेश कमेटी के अध्यक्ष गिरीश चोडणकर ने अपने ज्ञापन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से अवगत कराया कि उन्होंने राज्य में सरकार बनाने का दावा पेश करने के बारे में राज्यपाल मृदुला सिन्हा को कई बार जानकारी दी है. लिहाजा राष्ट्रपति राज्यपाल को निर्देश दें और उनका मार्गदर्शन करें ताकि विधानसभा भंग करने के प्रयास में संविधान से इतर कदम ना उठाए जाएं.
गौरतलब है कि 40 सदस्यीय गोवा विधानसभा में कांग्रेस सबसे बड़ा दल है और उसके पास 16 विधायक हैं. जबकि बीजेपी के पास 14 सीटें हैं जिसे महाराष्ट्रवादी गोमंतक पार्टी के 3, गोवा फार्वड पार्टी के 3 और 3 निर्दलीय विधायकों का सर्मथन हासिल है.
कांग्रेस ने शनिवार को मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के इस्तीफा मांग की थी और साथ ही यह भी मांग की थी कि विशेष सत्र बुलाकर पार्टी को बहुमत साबित करने की अनुमति दी जाए.
लंबे वक्त से बीमार पर्रिकर
बता दें कि पर्रिकर फरवरी से बीमार चल रहे हैं और उनका गोवा, मुंबई और अमेरिका सहित कई जगहों के अस्पतालों में इलाज हो चुका है. वे दिल्ली के एम्स में अग्नाश्य संबंधी बीमारी का इलाज करा रहे थें. लेकिन रविवार को दिल्ली से एक विशेष विमान से गोवा लौट गए.
चोडणकर ने अपने ज्ञापन में कहा है कि कांग्रेस ने राज्यपाल को पत्र सौंपकर कहा था कि हम सरकार बनाने का दावा पेश कर रहे हैं और सरकार बनाने के लिए हमारी पार्टी को न्यौता देने के विकल्प पर विचार किए बिना सदन को भंग करने का फैसला नहीं हो.
कांग्रेस ने पिछले महीने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपकर उनसे विधानसभा भंग नहीं करने के बजाय उनकी पार्टी को वैकल्पिक सरकार बनाने का न्यौता देने का अनुरोध किया था. इस बीच, गोवा में कांग्रेस विधायकों ने सोमवार को बैठक कर पर्रिकर की बीमारी के बीच राज्य में पैदा राजनीतिक स्थिति पर चर्चा की.