कांग्रेस ने बुधवार को केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला. पार्टी ने कहा कि वह सेना और उसके अधिकारियों का सम्मान करती है लेकिन राफेल डील के बचाव में सैन्य अधिकारियों को आगे करना ठीक नहीं.
पार्टी के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, 'हम सेना और उसके अधिकारियों का सम्मान करते हैं लेकिन सरकार राफेल को डिफेंड करने के लिए सेना के अधिकारियों को आगे कर रही है. सिंघवी ने कहा, राजनीतिक बातचीत में हम सेना के अधिकारियों को नहीं आगे करे. ये गलत है. अगर सरकार बोलने का न्योता भी दे, तो उनको इसमें नहीं पड़ना चाहिए. हम इनका उत्तेजित होकर जवाब नहीं देंगे.'
सिंघवी ने मोदी सरकार से पूछा कि 'सरकार की 56 इंच की छाती कहां है, वो हमारे सवालों का जवाब दे. राफेल का रेट बताए. राफेल की गुणवत्ता और जरूरत पर हमने कभी सवाल नहीं उठाया.' कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि यह काफी दुखद है जो बीजेपी सेना की शहादत को भी अपने फायदे के लिए इस्तेमाल कर रही है. क्या मोदी सरकार डेढ़ लाख सैन्य अधिकारियों को हटाने की तैयारी में है? हमें फौरन इसका जवाब चाहिए.
सिंघवी ने पूछा कि क्या सैन्य साज-ओ-सामान के रखरखाव के लिए अधिकारियों को हटाने की तैयारी है? क्या यह एक आदमी का फैसला है या पूरी आर्मी का? बीते साढ़े चार साल में पीएम मोदी की पब्लिसिटी पर तकरीबन 5 हजार करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं और अब सरकार सैन्य अधिकारियों को हटाकर 5 हजार करोड़ रुपए बचाने की बात कर रही है.
सिंघवी ने कहा, पीएम मोदी ने अपने फिटनेस वीडियो पर 35 लाख रुपए, पेट्रोल पंपों पर अपनी तस्वीर अपडेट कराने पर हर महीने 60 करोड़ रुपए, आलीशान बीजेपी मुख्यालय बनाने पर 1100 करोड़ रुपए, विदेशी दौरे पर दो हजार करोड़ रुपए खर्च किए, तो सरकार सेना को पर्याप्त फंड क्यों नहीं दे रही?
आर्मी में छंटनी के प्रस्ताव पर सरकार को निशाने पर लेते हुए सिंघवी ने कहा, पेट्रोल-डीजल पर टैक्स लगाकर इस सरकार ने 11 लाख करोड़ रुपए कमाए हैं लेकिन सेना पर 5-7 हजार करोड़ रुपए खर्च नहीं किए जा रहे. राफेल विमानों की कीमतें बढ़ाकर मोदी सरकार ने 41 हजार करोड़ रुपए बनाए लेकिन आर्मी पर 7 हजार करोड़ रुपए खर्च नहीं किए जा रहे. कांग्रेस को देश की सेना पर नाज है, तभी इसने सेना को उच्चतर प्राथमिकता देकर सम्मान से नवाजा है.