केंद्रीय कैबिनेट ने दो अहम बदलावों के साथ नागरिकता संशोधन विधेयक (CAB) बुधवार को पास कर दिया. अब इसे संसद से पास कराने के लिए पेश किया जाएगा. बताया जा रहा है कि यह बिल सोमवार को संसद में पेश किया जा सकता है.
यह दूसरी बार है जब मोदी सरकार संसद में यह विधेयक पेश करने जा रही है. इसके पहले जनवरी, 2019 में यह विधेयक लोकसभा से पास हो गया था, लेकिन बहुमत न होने के कारण सरकार ने इसे राज्यसभा में पेश नहीं किया. हालांकि, आधिकारिक रूप से सरकार ने कहा था कि '16वीं लोकसभा भंग होने के चलते यह विधेयक रद्द हो गया.'
वहीं, विधेयक को लेकर बुधवार को कांग्रेस ने कहा कि वो संसद में पेश किए जाने के बाद नागरिकता (संशोधन) विधेयक पर अपने रुख पर फैसला करेगी. कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा, 'हमें देखना होगा कि नागरिकता विधेयक किस रूप में लाया जाता है, फिर आगे हम फैसला करेंगे. हमें मीडिया से पता चलेगा कि वे क्या बदलाव ला रहे हैं. लेकिन हमें विधेयक को देखना होगा कि उसमें क्या बदलाव किए गए हैं.
बता दें कि नागरिकता (संशोधन) विधेयक, 2019 का उद्देश्य पाकिस्तान और बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और इसाई समुदाय से जुड़े आप्रवासियों को भारतीय नागरिकता देने की सुविधा प्रदान करना है.