scorecardresearch
 

पर्रिकर की अनुपस्थिति में कांग्रेस ने कहा- गोवा में संवैधानिक संकट, राष्ट्रपति शासन लागू हो

विपक्ष का आरोप है कि पर्रिकर सहित 12 कैबिनेट मंत्रियों में से चार गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं, जिसके चलते वे पूरी क्षमता के साथ अपने आधिकारिक कर्तव्यों का निर्वहन नहीं कर पा रहे हैं.

Advertisement
X
मनोहर पर्रिकर, मुख्यमंत्री गोवा
मनोहर पर्रिकर, मुख्यमंत्री गोवा

Advertisement

गोवा में विपक्षी कांग्रेस ने मांग की है कि राज्य में मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर समेत दो अन्य मंत्रियों की स्वास्थ्य कारणों से अनुपस्थिति में राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जाए.

गोवा कांग्रेस प्रवक्ता रमाकांत खलप ने कहा कि राज्य में संवैधानिक संकट कायम हो गया है. लिहाजा पार्टी ने राष्ट्रपति शासन की मांग को लेकर राज्यपाल मृदुला सिन्हा से वक्त मांगा है. खलप ने कहा कि मुख्यमंत्री स्वास्थ्य कारणों से लगातार अनुपस्थित हैं, वहीं उन्होंने अपना प्रभार भी किसी को नहीं सौंपा. पर्रिकर के साथ ही ऊर्जा मंत्री पांडुरंग मडकाईकर और शहरी विकास मंत्री फ्रांसिस डिसूजा भी बीमार हैं.

खलप ने कहा कि इसकी कोई समयसीमा नहीं है कि मुख्यमंत्री और ये मंत्री कब तक राज्य में वापस आएंगे. ऐसे समय में राज्यपाल मृदुला सिन्हा को मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए जब राज्य संवैधानिक संकट का सामना कर रहा है.

Advertisement

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर ने इस वर्ष मार्च से जून के बीच अग्नाशय संबंधी बीमारी के लिए अमेरिका में इलाज कराया था. वह 10 अगस्त को फिर से अमेरिका गए थे और 22 अगस्त को वापस आये थे. लेकिन अगले ही दिन मुंबई के निजी अस्पताल में भर्ती हो गए.

भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि पर्रिकर चिकित्सकों की सलाह पर बुधवार देर रात फिर मुंबई से अमेरिका गए हैं और 8 सितम्बर को उनके स्वदेश वापस आने की उम्मीद है. वहीं डिसूजा भी पिछले महीने इलाज के लिए अमेरिका गए थे. जबकि मडकाईकर मस्तिष्काघात के बाद गत पांच जून से अस्पताल में भर्ती हैं.

खलप ने आरोप लगाया कि पर्रिकर और दो अन्य मंत्रियों ने राज्य के प्रति कर्तव्य निर्वहन को लेकर ली गई अपनी शपथ का उल्लंघन किया है.  

बता दें कि पार्रिकर की अनुपस्थिति में 'वैकल्पिक व्यवस्था' को लेकर भारतीय जनता पार्टी के साथ-साथ गठबंधन के सहयोगियों में भी रैंक के आधार पर भ्रम की स्थिति पैदा हो गई थी. बाद में मुख्यमंत्री कार्यालय को एक बयान जारी करने के लिए मजबूर होना पड़ा कि पार्रिकर खुद अमेरिका से गठबंधन सरकार के कामकाज की देखरेख करेंगे.

Advertisement
Advertisement