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कांग्रेस में गांधी परिवार को लेकर कलह तेज, दिग्विजय की नसीहत पर फोतेदार का वार

कांग्रेस में गांधी परिवार को लेकर कलह तेज हो गई है. एक धड़ा राहुल-सोनिया की सियासी हैसियत को बनाए रखना चाहता है तो दूसरे धड़े को गैर-गांधी में कांग्रेस का भविष्य दिखता है.

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राहुल और सोनिया गांधी
राहुल और सोनिया गांधी

कांग्रेस में गांधी परिवार को लेकर कलह तेज हो गई है. एक धड़ा राहुल-सोनिया की सियासी हैसियत को बनाए रखना चाहता है तो दूसरे धड़े को गैर-गांधी में कांग्रेस का भविष्य दिखता है. गांधी परिवार के करीबी कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने कांग्रेस का भविष्य सुधारने के लिए राहुल गांधी के हाथों में कमान देने की वकालत की है. दिग्विजय ने कहा कि सोनिया गांधी मार्गदर्शक की भूमिका निभाएं. लेकिन दिग्विजय के इस बयान का विरोध शुरू हो गया है. पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के करीबी माखनलाल फोतेदार ने दिग्विजय के इस बयान की आलोचना की है. कांग्रेस अध्यक्ष की बात पर कुछ दिनों पहले पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने कहा था कि कोई गैर-गांधी भी इस पार्टी का अध्यक्ष बन सकता है.

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दिग्विजय ही नहीं कांग्रेस के कई दिग्गज नेता चाहते हैं कि राहुल कांग्रेस के अध्यक्ष बने लेकिन दिग्विजय ने मुखर होकर ये बातें कहीं हैं. हालांकि पार्टी में गांधी परिवार के खिलाफ आवाजें भी उठती रही हैं. लोकसभा चुनाव में करारी शिकस्त के बाद ही विरोध के स्वर तेज हो गए. छोटे-मोटे नेताओं से लेकर बड़े नेताओं ने कांग्रेस की कमान बदलने की बातें कहीं. किसी ने गांधी परिवार की मौजूदा सियासी हैसियत पर सवाल खड़े किए तो किसी ने गैर-गांधी परिवार के हाथों में कमान देने की वकालत की.

हाल ही में चिदंबरम ने सोनिया गांधी को पार्टी का सर्वेसर्वा तो बताया लेकिन ये कहकर बहस छेड़ दी कि कोई गैर गांधी भी कांग्रेस का अगला अध्यक्ष हो सकता है. उन्होंने कहा था, 'कांग्रेस पार्टी का मनोबल गिरा हुआ है और संगठन में बदलाव के लिए पार्टी नेतृत्व को तत्काल कदम उठाने की जरूरत है. भविष्य में कोई गैर-गांधी भी कांग्रेस का अध्यक्ष बन सकता है.

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दिग्विजय का फॉर्मूला
कांग्रेस की सियासी जमीन खिसकती जा रही है और बीजेपी का दायरा बढ़ता जा रहा है. कांग्रेस के सामने आज यही सबसे बड़ा संकट है. दिग्विजय सिंह ने इसी संकट का तोड़ ढूंढने के लिए राहुल-सोनिया को सलाह दी है. लेकिन उनकी सलाह पर पार्टी में एक राय नहीं. कांग्रेस में गांधी परिवार पर रोज-रोज उठते सवालों पर फुल स्टॉप लगाने के लिए राहुल गांधी के सियासी गुरू दिग्विजय सिंह ने नया फॉर्मूला सुझाया है. उन्होंने राहुल गांधी को कांग्रेस की कुर्सी संभालने की सलाह दी है. इतना ही कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने सोनिया गांधी की भी भूमिका तय कर दी.

दिग्विजय सिंह कहते हैं, 'राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष का पद तुरंत ले लेना चाहिए. उन्हें इसके साथ ही भारत यात्रा शुरू कर देनी चाहिए ताकि लोगों से बड़े पैमाने पर संपर्क हो सके. पार्टी में ऐसा कोई नहीं है जो राहुल गांधी के नेतृत्व को चुनौती दे सकता है.' उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी को यूपीए का चेयरपर्सन बने रहना चाहिए. दिग्विजय का कहना है कि पार्टी प्रमुख बनते ही राहुल को पार्टी की सामाजिक-आर्थिक नीतियों के बारे में फिर से विचार करना चाहिए. उन्हें पार्टी की सदस्यता के लिए पारदर्शी तरीका अपनाना चाहिए.

फोतेदार का वार
गांधी परिवार के करीबी दिग्विजय सिंह भले ही सलाह दे रहे हों लेकिन उनकी सलाह पर पार्टी में ही कलह शुरू हो गई है. फोतेदार ने दिग्विजय सिंह पर हमला करते हुए कहा कि वो फायदे देख रहे हैं. उन्होंने कहा, 'दिग्विजय सिंह फायदा उठाना चाहते हैं. सलाह में दिग्विजय का स्वार्थ छुपा हुआ है.' वहीं, सीनियर कांग्रेसी और पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा ने कहा, 'सोनिया जी हमारे लिए प्रेरणा की स्रोत हैं. राहुल जी ने युवाओं को आकर्ष‍ित करते हैं, वो हमारे भविष्य हैं. दोनों से ही हमें ताकत मिलती है.'

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कांग्रेस में राहुल को 2005 में महासचिव बनाया गया था. 2013 में उन्हें पार्टी का उपाध्यक्ष बनाया गया. राहुल ने संगठन में अपने तरीके से कई प्रयोग किए लेकिन सियासत की खुरदरी जमीन पर राहुल से जिस कामयाबी की उम्मीद थी वो अबतक पूरी नहीं हो सकी. लिहाजा देश की सबसे पुरानी पार्टी के सामने आज दो ही विकल्प है कि वो गांधी परिवार के आसरे पार्टी को चलाए या फिर किसी गैर गांधी के हाथ में कमान सौंप दे.

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