रेल मंत्री पवन बंसल और कानून मंत्री अश्विनी कुमार को लेकर घिरी कांग्रेस पार्टी में मतभेद की खबर है.
सूत्रों के मुताबिक बंसल और अश्विनी के मसले पर कांग्रेस बंट गई है. पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेता चाहते हैं कि इस मामले में कार्रवाई हो. हालांकि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ठोस सबूत के बिना दोनों मंत्रियों को पद से हटाने के पक्ष में नहीं हैं.
सूत्रों की मानें तो कांग्रेस कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजों का भी इंतजार कर रही है. पार्टी को उम्मीद है कि इसके बाद राजनीतिक हालात बदल जाएंगे. वहीं, अश्विनी कुमार मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ही आगे की रणनीति बनेगी.
गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी पवन बंसल और अश्विनी कुमार के इस्तीफे को लेकर अड़ गई है और संसद में गतिरोध बना हुआ है. इस कारण से खाद्य सुरक्षा बिल और भूमि अधिग्रहण संसद में अटके हुए हैं. दरअसल, कांग्रेस की नजर इन बिलों से होने वाले चुनावी फायदे पर है.
अब कांग्रेस संसद में गतिरोध खत्म करने की कोशिश में जुट गई है. सरकार जल्द ही सर्वदलीय बैठक बुला सकती है.
सरकार और विपक्ष के बीच बढ़ते गतिरोध के बीच मंगलवार को एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने पीएम से मुलाकात की. पवार ने अपील की है कि हंगामे के बीच खाद्य सुरक्षा बिल को पास न कराया जाए. पवार इस सिलसिले में सीताराम येचुरी समेत लेफ्ट के अन्य नेताओं से भी मिले.
मंगलवार को सरकार के लिए एक मात्र राहत की खबर लेफ्ट और तृणमूल कांग्रेस के खेमे से आई. असल में दोनों पार्टियों ने खाद्य सुरक्षा बिल को पास कराने के लिए सरकार को अपना समर्थन जताया है.