अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले सेमीफाइनल के तौर पर देखे जा रहे पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने दमदार प्रदर्शन करते हुए दिल्ली व मिजोरम में पूर्ण बहुमत हासिल कर लिया है, जबकि राजस्थान में भी सत्ता के बेहद करीब पहुंच गई है. वहीं भाजपा मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में अपनी सत्ता बचाए रखने में सफल रही है.
दिल्ली विधानसभा के 70 सीटों में से 69 सीटों के लिए हुए चुनाव में शीला दीक्षित के नेतृत्व वाली कांग्रेस ने 42 सीट जीतकर स्पष्ट बहुमत हासिल कर लिया. गद्दी पर आसीन होने को आतुर भाजपा को 23 सीटों से ही संतोष करना पड़ा. शीला दीक्षित ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा के विजय जॉली को हराया. वहीं भाजपा के मुख्यमंत्री के उम्मीदवार विजय कुमार मल्होत्रा ने ग्रेटर कैलाश विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के विजय कोछर को हरा दिया.
राजस्थान में सभी 200 सीटों के परिणाम घोषित कर दिए गए हैं. कांग्रेस 96 सीटें जीतकर राज्य में सरकार बनाने के बेहद करीब पहुंच गई है, जबकि भाजपा को 78 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा है. इसके अलावा बहुजन समाज पार्टी को छह और निर्दलीय को 14 सीटें मिली हैं, जबकि छह सीटें अन्य के खाते में गई हैं. राज्य की मुख्मंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया ने हार स्वीकार करते हुए राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया है. यहां एक चौंकाने वाला नतीजा उस समय देखने को मिला, जब कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी महज एक वोट से चुनाव हार गए.
वहीं, मध्यप्रदेश में भाजपा सत्ता बचाने में कामयाब रही है. शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में पार्टी ने 230 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा को 142 सीटें और कांग्रेस को 71 सीटें मिली हैं. बसपा ने सात सीटों पर जीत दर्ज की है.
छत्तीसगढ़ में डा. रमन सिंह एक बार फिर मतदाताओं का विश्वास जीतने में सफल रहे हैं. यहां भाजपा के खाते 38 सीटें गई हैं, जबकि 13 सीटों पर वह आगे चल रही है. कांग्रेस को 31 सीटें मिली और वह 6 सीटों पर आगे चल रही है. बसपा को को 2 सीटें मिली है.
मिजोरम में कांग्रेस ने दस वर्ष के वनवास के बाद विधानसभा चुनावों में अप्रत्याशित जीत हासिल की है और उसने जोरदार वापसी की है. यहां कांग्रेस को 32 सीटें हासिल हुई हैं, जबकि सत्ताधारी मिजो नेशनल फ्रंट को सिर्फ 4 सीटें ही मिल पाई हैं और चार सीटें अन्य के खाते में गई हैं. कांग्रेस की धमाकेदार जीत का इसी से अंदाज लगाया जा सकता है कि दो जगह से प्रत्याशी निवर्तमान मुख्यमंत्री जोरमथोंगा दोनों सीटों से चुनाव हार गए हैं.