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खोया जनाधार पाने को धर्म की शरण में कांग्रेस, मनाएगी जन्माष्टमी और रामनवमी

लोकसभा चुनाव में जबरदस्त पराजय के बाद कांग्रेस को अब धर्म की याद आ रही है. खुद को धर्मनिरपेक्ष दिखाने के प्रयास में पार्टी ने हिंदू धर्म और उसके पर्व-त्यौहारों से एक अघोषित दूरी बना ली थी. लेकिन अब उसे लगने लगा है कि धर्म उसे फिर से लोकप्रिय बना सकता है और इसी प्रयास में पार्टी ने धार्मिक आयोजनों का फैसला किया है.

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Sonia Gandhi
Sonia Gandhi

लोकसभा चुनाव में जबरदस्त पराजय के बाद कांग्रेस को अब धर्म की याद आ रही है. खुद को धर्मनिरपेक्ष दिखाने के प्रयास में पार्टी ने हिंदू धर्म और उसके पर्व-त्यौहारों से एक अघोषित दूरी बना ली थी. लेकिन अब उसे लगने लगा है कि धर्म उसे फिर से लोकप्रिय बना सकता है और इसी प्रयास में पार्टी ने धार्मिक आयोजनों का फैसला किया है. यह खबर हिंदी दैनिक 'नवभारत टाइम्स' ने दी है.

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दैनिक के मुताबिक पार्टी अब भगवान श्रीकृष्ण और श्रीराम जयंती का भव्य आयोजन करेगी. इतना ही नहीं इसमें पार्टी के मुस्लिम नेता भी शिरकत करेंगे. इसकी शुरुआत 17 अगस्त को जन्माष्टमी से होगी.

दैनिक ने लिखा है कि ऐसा एंटनी कमेटी की रिपार्ट के सुझावों के पालन करने के क्रम में किया जा रहा है. दिल्ली की कांग्रेस इकाई ने आलाकमान से अनुमति लेकर यह फैसला किया है. एंटनी कमेटी की रिपोर्ट में कहा गया है कि जनता की नजरों में कांग्रेस सिर्फ मुस्लिम हितों की रक्षा करने वाली पार्टी बनकर रह गई है. इस कारण से अन्य समुदाय के लोग पार्टी से भावनात्मक रूप से नहीं जुड़ रहे हैं. इसलिए पार्टी का एक तबका यह मान रहा है कि जन्माष्टमी और रामनवमी जैसे धार्मिक उत्सवों को मनाने से कांग्रेस की धर्मनिरपेक्ष छवि को मजबूती मिलेगी.

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दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के एक नेता ने कहा कि कांग्रेस धर्मनिरपेक्ष पार्टी है लेकिन हमारे नेता सभी धर्मों के कार्यक्रम में भाग लेते हैं, उसी नीति के तहत पार्टी के नेता सभी धर्मों में विश्वास करते हैं. उन्होंने कहा कि इसी नीति के तहत हम सभी धर्मों के आयोजन करेंगे. जन्माष्टमी, रामनवमी और दीपावली के अलावा क्रिसमस और ईद का भी आयोजन होगा. फिलहाल पार्टी में रोजा इफ्तार, नेहरू-गांधी जयंती वगैरह आयोजित होते हैं.

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