प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि पिछले साल पदभार संभालने के समय दिल्ली में सत्ता के गलियारों की सफाई उनके लिए सबसे अहम काम था. इसके अलावा उन्होंने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस अपनी हार पचा ही नहीं पाई है.
प्रधानमंत्री मोदी ने इंटरव्यू के दौरान पूछे जाने पर कि क्या वह अब 'दिल्ली को समझ' पाए हैं, मोदी ने जवाब दिया, 'जब मैंने पदभार संभाला तो मैंने पाया कि दिल्ली में सत्ता के गलियारों में अलग अलग प्रकार की लॉबियों की गंदगी फैली है.’ उन्होंने कहा, ‘सत्ता के गलियारों की सफाई का काम महत्वपूर्ण था जिससे खुद सरकारी मशीनरी में सुधार हो सके. सुधार और सफाई के इस काम में कुछ समय लगा लेकिन दीर्घकाल में स्वच्छ और निष्पक्ष शासन के लिए यह फायदेमंद होगा.’
'भूमि विधेयक में किसान, गरीब के हित में बदलाव को तैयार हैं'
पीएम मोदी ने कहा कि सरकार भूमि अधिग्रहण विधेयक में ऐसा कोई भी संशोधन स्वीकार करने को तैयार है जिससे किसान, गरीब, गांव और देश का हित होता हो. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) के साथ साथ इस विधेयक का पारित होना अब थोड़े समय की ही बात है.
प्रधानमंत्री ने कहा, 'गांव, गरीब, किसान अगर सुझाव इन दबे कुचले तबकों के फायदे वाले होंगे और देश हित में होंगे, तो हम उन सुझावों को स्वीकार करेंगे.' मोदी से पूछा गया था कि भूमि विधेयक पर गतिरोध को देखते हुए क्या सरकार विपक्ष के सुझावों को शामिल करेगी. भूमि और जीएसटी, दोनों विधेयकों को संसदीय समितियों के पास भेजा जा चुका है और सरकार को उम्मीद है कि इन्हें संसद के मानसून सत्र में पारित कर दिया जाएगा.
'घोटाला मुक्त शासन अच्छे दिन हैं'
क्या ये अच्छे दिन नहीं हैं? प्रधानमंत्री मोदी ने लोकसभा चुनाव के दौरान अच्छे दिन आने के अपने वादे को उनके एक साल के शासन में कोई घोटाला नहीं होने से जोड़ा. अपनी सरकार का एक साल पूरा होने के मौके पर मोदी ने कहा, 'आप मुझे बताइए, अगर कोई एक घोटाला नहीं हुआ, तो क्या अच्छे दिन नहीं हैं?' मोदी इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि क्या लोग बेसब्र हो रहे हैं और उनमें इस बात को लेकर शिकायत है कि पिछले साल चुनाव प्रचार के दौरान अच्छे दिन का किया गया वादा पूरा नहीं हुआ. प्रधानमंत्री ने कहा, '21वीं सदी भारत की सदी होनी चाहिए लेकिन 2004 से 2014 तक गलत विचारों और गलत कार्रवाइयों ने देश पर प्रतिकूल प्रभाव डाला. हर दिन एक नया खराब दिन होता था और नए घोटाले होते थे. लोगों में गुस्सा था. आज, एक साल बाद, हमारे विरोधियों तक ने हम पर गलत चलन का आरोप नहीं लगाया है.'
'प्रगति की विपरीतार्थक है कांग्रेस'
कांग्रेस पर चुटकी लेते हुए मोदी ने कॉन इज द अपोजिट ऑफ प्रो मुहावरे का उपयोग किया और कहा कि अगर ऐसा है तो कांग्रेस प्रगति की विपरीतार्थक है. राहुल गांधी द्वारा उनपर किए गए सूटबूट की सरकार के व्यंग्य के बारे में पूछे जाने पर प्रधानमंत्री ने यह बात कही. मोदी ने कहा, 'कांग्रेस को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा और उसे 50 से भी कम सीटों पर सिमटना पड़ा. कांग्रेस लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार को एक साल बाद भी पचा नहीं पा रही है.' प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर प्रहार जारी रखते हुए कहा, 'जनता ने उन्हें उनकी भूल चूक के पापों के लिए दंडित किया है. हमने सोचा था कि वे इससे सबक सीखेंगे लेकिन ऐसा लग नहीं रहा है. उन्होंने कॉन इज द अपोजिट ऑफ प्रो मुहावरे का उपयोग करते हुए कहा कि अगर ऐसा है तो कांग्रेस प्रगति की विपरीतार्थक है.
इनपुटः भाषा