क्रिकेटर से पाकिस्तान के पीएम बने इमरान खान के मेहमान बने नवजोत सिंह सिद्धू को लेकर विवाद थम नहीं रहा. सिद्धू का पाकिस्तान जाना और वहां पाक आर्मी चीफ के गले लगना वैसे तो कांग्रेस बड़ा मसला नहीं मान रही थी. लेकिन पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सिद्धू के गले मिलने को गलत बताकर मुद्दे को हवा दे दी, वहीं बीजेपी इसको पहले से ही बड़ा मुद्दा बनाए हुए है.
सूत्रों के मुताबिक, सिद्धू खुद राहुल गांधी से अनुमति लेकर पाकिस्तान गए थें. फिर पाक आर्मी चीफ से गले मिलने की सफाई देते हुए सिद्धू ने गुरुनानक देव के 550वें प्रकाश उत्सव पर करतार पुर साहिब के लिए रास्ता खुलने का हवाला दिया. जिस पर सिद्धू के पक्ष में पार्टी ने खड़ा होने का फैसला किया. लेकिन इसी बीच कैप्टन अमरिंदर ने सिद्धू पर निशाना साध दिया. जिस पर कांग्रेस ने सिद्धू को खुद सफाई देने को कह दिया.
इसके बाद भी पार्टी ने मोदी-नवाज शरीफ मुलाकात की तस्वीरें जारी कर सिद्धू के पक्ष में खड़ा होने का फैसला किया. लेकिन प्रेस कॉन्फ्रेंस करने आए पार्टी प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने पार्टी लाइन पर रहते हुए बयान तो दिया, लेकिन अमरिंदर के बयान पर भी सहमति जता बैठे.
इसके बाद जब यह संदेश गया कि, पार्टी अमरिंदर की लाइन ले रही है, तो आनन फानन में पार्टी के बड़े नेताओं ने मैदान संभाला. पार्टी नेता दिग्विजय सिंह और अम्बिका सोनी ने अगले ही दिन कैप्टन के बयान को दरकिनार करते हुए खुलकर सिद्धू का समर्थन कर दिया.
दिग्विजय सिंह सिद्धू के समर्थन में उतरे
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा जब प्रधानमंत्री मोदी बिना बताये बिना बुलाये पाकिस्तान जाकर नवाज शरीफ के गले मिल गए तब देशद्रोह और देशभक्ति कहां थी. पाकिस्तान से चीनी आयात की जाती है, भारत के किसानों को उसके बाद दाम कम मिलता है. सिद्धू ने इमरान के साथ क्रिकेट खेला है, उस वजह से गये तो बवाल क्यों? ऐसा था तो वीजा ही क्यों दिया?
इसी के साथ आखिरकार कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता मनीष तिवारी ने पार्टी मंच से कहा कि, सिद्धू का पाकिस्तान जाना कोई मुद्दा ही नहीं है.