कांग्रेस और जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने नौकरशाही में लेटरल एंट्री का विरोध किया है. कांग्रेस और जेडीयू ने आरोप लगाया है कि नौकरशाही में एसी, एसटी और ओबीसी वर्ग को दरकिनार किया जा रहा है. कांग्रेस की तरफ से रणदीप सुरजेवाला ने ट्विटर के जरिए केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए लिखा कि मोदी सरकार संविधान को दरकिनार कर रही है.
मीडिया रिपोर्टों का हवाला देते हुए कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया, 'भारत सरकार में एससी/एसटी/बीसी/ओबीसी आरक्षण 40% संयुक्त सचिवों की भर्ती में खत्म, शासन में नया टैलेंट भर्ती करना सही है. लेकिन इसकी आड़ में संविधान को दरकिनार किया जाना उचित है?
देश की सरकार में 40% Joint Secy की नियुक्ति में SC/ST/BC/OBC का आरक्षण ख़त्म।
शासन में नया टैलेंट भर्ती करना सही है।
पर क्या इस आड़ में सविंधान को दरकिनार किया जाना उचित है? 1/2https://t.co/8HOqevRo7X
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) June 14, 2019
वहीं एक दूसरे ट्वीट में उन्होंने कहा, 'इससे पहले विश्वविद्यालयों में SC/ST/BC/OBC आरक्षण खत्म करने के लिए एक ही सिंगल पोस्ट कैडर तर्क लागू किया गया था. चुनाव के दबाव के कारण इसे वापस ले लिया गया था. अगर ये मापदंड तब गलत था तो संयुक्त सचिवों की नियुक्ति के लिए ठीक कैसे?
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पहले ‘Single Post Cadre’ के इसी तर्क से Universities में SC/ST/BC/OBC का आरक्षण ख़त्म किया गया था।
चुनाव के चलते व देश व्यापी विरोध के बाद इसे वापस ले लिया गया।
अगर ये मापदण्ड तब ग़लत था तो Jt. Secy की नियुक्ति के लिए ठीक कैसे?https://t.co/8HOqevRo7X
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) June 14, 2019
वहीं जेडीयू प्रवक्ता केसी त्यागी का कहना है कि अच्छी प्रतिभाओं को सरकार में शामिल होना चाहिए लेकिन अगर यह संवैधानिक अधिकारों को ताक पर रख कर किया जाता है तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा कि संविधान SC, ST, OBC और शैक्षिक रूप से पिछड़े लोगों को कुछ अधिकारों और विशेषाधिकारों की गारंटी देता है. इसे आरक्षण पर हमला माना जाएगा.