बिहार की सियासत बदली तो झारखंड में भी सियासी उलटफेर नजर आने लगे हैं. छह महीने के राष्ट्रपति शासन के बाद जेएमएम और कांग्रेस ने मिलकर सरकार बनाने की कोशिशें तेज कर दी हैं और इसका एलान जल्द ही किया जा सकता है.
झारखंड में सरकार बनाने के लिए झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस ने गलबहियां शुरू कर दी हैं. 18 जून को सूबे में राष्ट्रपति शासन खत्म हो रहा है और दोनों पार्टियां इससे पहले ही सारे समीकरण फिट कर लेना चाहती हैं.
बताया जा रहा है कि कांग्रेस की नजर 2014 में होने वाले लोकसभा चुनावों पर है और जेएमएम को झारखंड की सत्ता सौंपने पर पार्टी राजी है. सूत्रों के मुताबिक शिबू सोरेन के बेटे हेमंत सोरेन को मुख्यमंत्री की कुर्सी सौंपी जा सकती है. बदले में झारखंड की 14 लोकसभा सीटों में 9 से 10 सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ेगी.
इस नए समीकरण पर झारखंड से दिल्ली ही नहीं पटना में लालू यादव तक को मनाने की कवायद चल रही है. लेकिन बीजेपी की नजर में ये मजबूत नहीं, मजबूर सरकार होगी जिसमें जेडीयू का भी बाहर से सपोर्ट होगा.
सूत्रों के मुताबिक इस मसले पर जल्दी ही शिबू सोरेन की सोनिया गांधी से मुलाकात होनी है जिसके बाद झारखंड में सरकार बनाने के फैसले का एलान हो सकता है.