कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और वकील कपिल सिब्बल अयोध्या विवाद को लेकर सुन्नी वक्फ बोर्ड की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पैरवीकार हैं. लेकिन पिछले कुछ सुनवाई के दौरान सिब्बल की सुप्रीम कोर्ट में अनुपस्थिति से सवाल उठ रहे हैं कि कहीं इस केस से उन्होंने किनारा तो नहीं कर लिया.
खबरों की मानें तो कांग्रेस पार्टी ने गुजरात चुनाव के दौरान पैदा हुए विवाद को देखते हुए कपिल सिब्बल को बाबरी मस्जिद केस से हटने का निर्देश दिया है. माना जा रहा है कि पार्टी के आदेश के बाद सिब्बल इस केस से दूर हो गए हैं, हालांकि अभी तक इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है. लेकिन मिल रही जानकारी के मुताबिक सिब्बल आगे भी इस केस की सुनवाई से दूर रह सकते हैं.
वहीं इस केस में एक प्रमुख पक्षधर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) के सदस्य जफरयाब जिलानी का कहना है कि बाबरी केस में संवैधानिक मसलों पर बहस के लिए उन्हें सिब्बल की सुप्रीम कोर्ट में जरूरत है.
हालांकि तमाम अटकलों के बीच अब सबकी नजरें सुप्रीम कोर्ट में होनेवाली आगे की सुनवाई पर है. अब यह देखना होगा कि इस केस की लीगल टीम में सिब्बल दिखते हैं या नहीं.
दरअसल कांग्रेस पार्टी के एक धड़े का मानना है कि बाबरी केस पर सिब्बल की दलील से पार्टी को गुजरात चुनाव में नुकसान हुआ. सूत्रों की मानें तो आगामी कर्नाटक चुनाव के मद्देनजर पार्टी की ओर से सिब्बल को इस केस दूर रहने की हिदायत दी गई है.
गौरतलब है कि गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान सुप्रीम कोर्ट में सिब्बल की दलील को लेकर विवाद पैदा हो गया था. सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की थी कि बाबरी केस की सुनवाई 2019 के लोकसभा चुनावों तक रोक देना चाहिए, क्योंकि ये बेहद संवेदनशील मामला है और इससे चुनाव पर असर पड़ सकता है.