आईआईटी मद्रास में छात्रों के ग्रुप पर बैन लगाए जाने के बाद विवादों में घिरी केंद्र सरकार और कांग्रेस के बीच छिड़ी जुबानी जंग तेज होती जा रही है. केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के बीच ट्विटर पर छिड़े वार पर अब कांग्रेस ने जबावी हमला बोला है.
कांग्रेस ने शुक्रवार को स्मृति ईरानी पर पलटवार करते हुए आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘चापलूसी’ के कारण स्मृति के पास अपने मंत्रालय में काम के लिए समय नहीं बचता. एआईसीसी महासचिव अंबिका सोनी ने कहा, ‘वह अमेठी जा रही हैं और मोदी की चापलूसी करने के लिए राहुल गांधी के खिलाफ कड़े बयान दे रही हैं, इसलिए उन्हें मंत्रालय चलाने का समय नहीं मिल पा रहा.’
उन्होंने आरोप लगाया कि आईआईटी और आईआईएम के निदेशकों का बहुत शोषण हो रहा है और आईआईटी चेन्नई में विवाद हुआ है. अंबिका ने कहा, ‘किसी अन्य को प्रमाणपत्र देने के बजाय, उन्हें इस बात पर गौर करना चाहिए कि उनके मंत्रालय के तहत संस्थान कैसे चल रहे हैं.’
'खतरे में है स्मृति का कैबिनेट मंत्री पद'
एनएसयूआई प्रमुख रोजी एम जॉन ने कहा कि एचआरडी मंत्री ने अपने मंत्रालय का ‘मजाक’ बनाया है और उनका कैबिनेट पद ‘खतरे’ में है. उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल गांधी पर निशाना साधना उनकी ‘केवल खुद को बचाए रखने की रणनीति’ है. राहुल को बहस की चुनौती देने के लिए स्मृति पर निशाना साधते हुए एनएसयूआई प्रमुख ने उनकी शैक्षिक योग्यता का मुद्दा उठाते हुए कहा कि इस पर ध्यान देते हुए उन्हें ‘एक बच्चे से बहस’ करनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि स्मृति ईरानी को विभिन्न शिक्षाविदों, कुलपतियों, शिक्षक समुदाय से कड़े विरोध का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने एचआरडी मंत्रालय का मजाक बनाया है जिसके कारण उनका कैबिनेट पद खतरे में है. काम नहीं करने पर उन्हें भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से बाहर किया गया. ‘इससे साफ है कि राहुल पर हमला उनकी खुद को बचाए रखने की, खास कर प्रधानमंत्री को खुश करने की रणनीति है.’
- इनपुट भाषा