कोरोना काल में मंदी की मार झेल रही देश की अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए 2021-22 का आम बजट चार दिन बाद पेश किया जाना है. इसी बीच पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम और कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश और मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और सरकार के लिए बजट सुझाव पत्र जारी किया है.
आपदा से विनाश
कांग्रेस पार्टी ने कहा कि बीते वित्त वर्ष 2020-21 के बजट की असलियत उसके पेश होने के कुछ वक्त बाद ही सामने आ गई थी. कांग्रेस ने तब भी कहा था कि बजट गलत मान्यताओं पर बना है. देश में कोरोना महामारी नहीं भी फैलती, तब भी अर्थव्यवस्था में निरंतर गिरावट जारी थी. इसकी शुरुआत 2018-19 की पहली तिमाही में हो गई थी. कोरोना महामारी ने अर्थव्यवस्था को रसातल में पहुंचा दिया और यह 2020-21 की पहली तिमाही में 23.9 प्रतिशत तक गिर गई.
वित्त मंत्री चार दशकों में आई पहली मंदी की अध्यक्ष
कांग्रेसी नेताओं ने मौजूदा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर तंज कसते हुए कहा कि उन्होंने पिछले चार दशकों में आई पहले मंदी के दौर की अध्यक्षता करने की 'विशिष्टता' हासिल की है. पार्टी ने कहा कि साल 2020-21 का अंत नकारात्मक वृद्धि के साथ होगा. सरकार का राजस्व घाटा लगभग 5% रहेगा और राजकोषीय घाटा बढ़कर 7% से ज्यादा हो जाएगा. पार्टी ने आशंका जतायी कि वित्त मंत्री लीपापोती करके 2020-21 के लिए संशोधित अनुमान प्रस्तुत करेंगी और 2021-22 के लिए सुनहरी कहानी गढ़ने का प्रयास करेंगी.
सरकार चाहे तो मान ले ये सुझाव
कांग्रेस पार्टी ने अर्थव्यवस्था को बड़ा वित्तीय प्रोत्साहन देने की जरूरत बताई. इससे लोगों के हाथों में पैसा जाएगा और मांग बढ़ेगी. अर्थव्यवस्था में सबसे निचले तबके के 20 से 30 प्रतिशत परिवारों के हाथों में कम से कम छह माह तक सीधे पैसा जाए. सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को पुनर्जीवित करने की योजना बनाकर लागू की जाए. सरकार टैक्स दरों, खासकर जीएसटी एवं अन्य अप्रत्यक्ष टैक्स दरों (यानि पेट्रोल व डीज़ल के टैक्स दरों) में कटौती करे और अपना पूंजीगत व्यय बढ़ाएं. दूरसंचार, बिजली, माइनिंग, कंस्ट्रक्शन, एविएशन एवं टूरिज्म सेक्टर के लिए विशेष पुनरोद्धार पैकेज बनाए.
पार्टी ने कहा कि उसे इस सरकार से कोई अपेक्षा नहीं है. सौभाग्यवश अगर हमारे किसी सुझाव को सरकार मान भी लेती है, तो हमें भारत के नागरिकों के लिए खुशी व राहत महसूस होगी.