कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने सीधी बात में कहा कि, हिंदुत्व शब्द सावरकर जी ने इजाद किया. इसका धर्म से लेना देना नहीं है. वहीं, 15 साल बाद खुद के चुनाव लड़ने पर उन्होंने कहा, 'मैं चुनाव लड़ने के लिए तैयार हूं.'
मैं मध्य प्रदेश विधानसभा का चुनाव नहीं लडूंगा
चुनाव लड़ने के सवाल पर दिग्विजय सिंह ने कहा, 'चुनाव लड़ने के लिए मैं तैयार हूं, लेकिन मैं मध्य प्रदेश विधानसभा का चुनाव नहीं लडूंगा.'
मैं खुद हिंदू हूं, मैं कैसे कह सकता हूं कि हिंदू आतंकवाद?
हिंदू आतंकवाद वाले बयान पर दिग्विजय सिंह ने कहा, 'पहले मैं बता दूं कि हिंदुत्व शब्द सावरकर जी ने इजाद किया. इसका धर्म से लेना देना नहीं है. मैं एक सात्विक हिंदू हूं. सनातन धर्मी हूं. मैं खुद हिंदू हूं, मैं कैसे कह सकता हूं कि हिंदू आतंकवाद? कोई धर्म आतंकवाद का पक्षधर नहीं हो सकता. कोई धर्म हिंसा के लिए प्रेरित नहीं करता. पहली बात तो हमारा धर्म सनातन धर्म है हिंदू धर्म नहीं. हमारे वेद पुराणों में भी सनातन धर्म का जिक्र है.'
दिग्विजय सिंह ने कहा, 'आप ये भूल जाते हैं कि मैं ही पहला व्यक्ति था जिसने बजरंग दल और सीमी पर बैन लगाने की मांग की थी. मेरी मान्यता है कि जो उन्माद फैलाने वाले लोग हैं चाहें वो हिंदू हो या मुसलमान हों, दोनों ही एक दूसरे के पूरक हैं. यही लोग दंगे फैलाते हैं, हिंसा करते हैं और नफरत फैलाते हैं. यही आतंकवाद को जन्म देती है.'
संघ हिंदुओं का प्रतिनिधित्व नहीं करता
संघी आतंकवाद जैसे शब्द को लेकर दिग्विजय सिंह ने कहा, 'संघ हिंदुओं का प्रतिनिधित्व नहीं करता है. मैं हिंदू हूं. इस देश के 85 प्रतिशत हिंदू किसके हैं. संघ कोई रजिस्टर्ड संस्था नहीं है. इसकी सदस्यता ही नहीं होती. इसके बारे में चिंता क्यों कर रहे हैं.
दिग्विजय सिंह ने 'संघी आतंकवाद' कहने पर कहा कि ये लोग खुद को आरएसएस का प्रचारक कहते हैं. आरएसएस का प्रचारक अजमेर दरगाह केस में दोषी पाया गया है. सुनील जोशी जो की संघ का प्रचारक है जो की बॉम्ब ब्लास्ट में आरोपी था उसकी हत्या किसने की. संघ के लोगों ने हत्या की. उनको सजा भी हुई है. ये सब लोग कौन है. ये लोग बीजेपी के फुट सोल्जर हैं, आरएसएस के फुट सोल्जर हैं. ये एक विचार है. वो विचार जिसने महात्मा गांधी की हत्या की, जिसने कलबुर्गी की हत्या की, जिसने गौरी लंकेश की हत्या की. ये विचारधारा हिंसा के लिए प्रेरित करती है.'
मीडिया मेरे सिर्फ एक पक्ष को दिखाना चाहता है
दिग्विजय सिंह ने कहा, मैं पहला व्यक्ति था जिसने ओसामा बिन लादेन के खिलाफ बोला था. मुश्किल ये है कि मीडिया मेरे सिर्फ एक पक्ष को दिखाना चाहता है. जब मैं मुस्लिम आतंकवादी के खिलाफ बोलता हूं तो उसे नहीं दिखाया जाता.'
मुझसे बड़ा धार्मिक व्यक्ति बीजेपी में नहीं
दिग्विजय ने इससे पहले कहा था कि 'विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने अयोध्या में साल 1992 में उस ढांचे को गिराया था, जहां राम की पूजा हुआ करती थी.' इस बयान पर दिग्विजय सिंह ने कहा, वहां पूजा होती थी. सन 52 से वहां पूजा होती थी. वहां नमाज तो पढ़ी नहीं जा रही थी. गुरु गोलवलकर जी ने राम को अवतार नहीं माना है, उन्होंने आदर्श माना है. ये आर्य समाज के लोग हैं, मैं सनातनी हूं.
मैं तो इस बात का भी विरोध करता हूं कि ये लोग नारा जय श्री राम का क्यों लगाते हैं, सीता जी को क्यों भूल जाते हैं. सिया राम का नारा लगाएं. ये लोग धार्मिक नहीं है. ये धर्मान्धता फैलाते हैं. और धर्मान्धता से नफरत फैलती है. मुझसे बड़ा धार्मिक व्यक्ति बीजेपी में नहीं मिलेगा.
RSS मुझे आमंत्रित करें तो मैं जाऊंगा
प्रणब मुखर्जी के आरएसएस के कार्यक्रम में जाने पर दिग्विजय ने कहा, इस देश को बचाना है तो इस देश की संस्कृति, इस देश का स्वभाव हमें समझना चाहिए. प्रणब मुखर्जी ने सही जगह पर सही आइना दिखाया. लेकिन उन लोगों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. आएसएस मुझे भी आमंत्रित करें तो मैं भी जाऊंगा और उन्हें आइना दिखाऊंगा. लेकिन वो मुझे बुलाएंगे नहीं.