कांग्रेस महासचिव और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सोमवार को एक ट्वीट कर बोधगया मंदिर में हुए धमाकों को नरेंद्र मोदी के भाषण से जोड़ दिया. दिग्गी ने लिखा कि एक दिन मोदी के सिपहसालार अमित शाह अयोध्या में भव्य मंदिर की बात करते हैं. फिर उसके बाद नरेंद्र मोदी बिहार बीजेपी के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हैं और उन्हें संदेश देते हैं कि नीतीश कुमार को सबक सिखाओ. और फिर अगले दिन बोध गया के महाबोधि मंदिर में बम फट जाते हैं. क्या इन सबके बीच कोई रिश्ता है?
इस सवालिया निशान के बाद दिग्गी लिखते हैं, कि मुझे नहीं पता कि कोई संबंध है या नहीं. इसके लिए हमें एनआईए की जांच पूरी होने का इंतजार करना होगा.
इससे पहले के तीन ट्वीट्स में दिग्गी ने बीजेपी पर ब्लास्ट की राजनीति का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि बिहार बीजेपी के नेता राजीव प्रताप रूडी गठबंधन टूटने के दो हफ्ते के भीतर कहने लगे कि राज्य में कानून की हालत खराब है. और रविशंकर प्रसाद ने दिल्ली पुलिस का हवाला देते हुए यह भी बता दिया कि पुणे में हुए धमाकों के आरोपी ने गया में भी धमाकों की गुंजाइश के लिए रेकी की थी. दिग्गी के मुताबिक इस ब्लास्ट को मुस्लिमों से जोड़ने के लिए कभी आईबी के हवाले से, तो कभी मीडिया के अंदाजे से तार जोड़े जा रहे हैं. बताया जा रहा है कि म्यांमार में मुस्लिमों के साथ हुई हिंसा का नतीजा है यह. क्या यह सब दुर्घटना के ऊपर की जा रही राजनीति नहीं है.
दिग्गी के इस बयान पर आपका क्या है कहना. क्या बीजेपी धार्मिक उन्माद भड़का रही है. या फिर कांग्रेसी प्रवक्ता कुछ भी बोलकर सुर्खियां बटोरने में लगे हैं.