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कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने शाही इमाम को बताया सांप्रदायिक

कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी को सांप्रदायिक करार दिया है. दिग्विजय सिंह ने कहा कि बुखारी ने साल 2004 में वाजपेयी के लिए फतवा जारी किया था.

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दिग्विजय सिंह
दिग्विजय सिंह

कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी को सांप्रदायिक करार दिया है. दिग्विजय सिंह ने कहा कि बुखारी ने साल 2004 में वाजपेयी के लिए फतवा जारी किया था.

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दिग्विजय ने कहा, 'मैं शाही इमाम को सेक्‍युलर शख्स नहीं मानता. वे सांप्रदायिक हैं. इन्होंने 2004 में वाजपेयी के समर्थन में एलान किया था.'

हालांकि, यह पहला मौका नहीं है जब दिग्विजय सिंह ने शाही इमाम को सांप्रदायिक करार दिया है. इससे पहले 2012 में भी कांग्रेस महासचिव ने ऐसा बयान दिया था जब यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान सैयद बुखारी ने मुसलमानों से सपा को वोट देने की अपील की थी. वैसे, दिग्विजय के ताजा बयान पर अभी तक शाही इमाम की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.

गौरतलब है कि कांग्रेस महासचिव का बयान ऐसे समय आया है जब पार्टी के एक पुराने नेता ने इस बार लोकसभा चुनाव से पहले शाही इमाम से मिलने के कांग्रेस आलाकमान के फैसले पर जुबान खोली है.

किशनगंज से कांग्रेस सांसद असरारुल हक ने पूछा कि सोनिया ने लोकसभा चुनाव के दौरान जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी से मिलकर समर्थन क्यों मांगा था.

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गौरतलब है कि सोनिया गांधी बीते अप्रैल में अहमद बुखारी से मिलीं और उन्होंने मुस्लिम नेताओं अपील की थी कि वे देखें कि सेक्‍युलर वोट बंटने ना पाएं. उनकी इस बात से काफी हो-हल्ला मचा था और काफी आलोचना भी हुई थी.

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