राज्यसभा में विपक्ष के नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने हाल में कश्मीर दौरे पर गए विदेशी राजनयिकों के डेलीगेशन को लेकर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें सरकार द्वारा चुने गए लोगों से ही मिलने का मौका दिया गया. उन्होंने कश्मीर में ऐसे ही लोगों से मुलाकात की जिन्हें पहले से बताया गया था कि राजनयिकों से मुलाकात के दौरान क्या-क्या बोलना है. आजाद ने कहा कि राजनयिकों ने वहां के मीडिया, नेताओं, सिविल सोसाइटी या व्यापारियों से मुलाकात नहीं की.
डेलीगेशन के जम्मू-कश्मीर दौरे पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी सवाल खड़े किए थे. जयराम रमेश ने कहा कि हमारी आपत्ति इस दौरे के विषय में नहीं है. हमारी आपत्ति ये है कि जब हमारे ही सांसद, नेता जम्मू-कश्मीर में नहीं जा सकते हैं तो इन राजनयिकों को ले जाने का क्या मतलब है? जम्मू-कश्मीर के 3 पूर्व मुख्यमंत्री आज भी हाउस अरेस्ट हैं. वहीं, राज्यसभा में हमारे विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद को सुप्रीम कोर्ट से आदेश लेकर जाना पड़ता है. सीपीएम के नेता सीताराम येचुरी भी सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ही वहां गए थे. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को तो एयरपोर्ट पर ही रोका दिया गया था.
जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस लेने के बाद भारत में अमेरिकी राजदूत समेत 15 देशों के राजनयिक मौजूदा स्थिति का जायजा के लिए लेने दो दिवसीय दौरे पर श्रीनगर पहुंचे थे. सरकार की ओर से भेजे गए इस दल में अमेरिका, वियतनाम, दक्षिण कोरिया, ब्राजील, उज्बेकिस्तान, नाइजर, नाइजीरिया, मोरक्को, गुयाना, अर्जेंटीना, फिलीपींस, नॉर्वे, मालदीव, फिजी, टोगो, पेरू के साथ ही पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश के राजनयिक शामिल रहे.