जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर जम्मू-कश्मीर जाने की इजाजत मांगी है. गुलाम नबी आजाद ने अपनी याचिका में कहा कि वो अपने परिजनों और रिश्तेदारों का हालचाल जानने के लिए अपने गृह राज्य जम्मू-कश्मीर जाना चाहते हैं. लिहाजा उनको इसकी अनुमति दी जाए.
सोमवार को गुलाम नबी आजाद की याचिका पर चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एसए बोबड़े और एस अब्दुल नजीर की बेंच सुनवाई करेगी. आपको बता दें कि अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद गुलाम नबी आजाद ने जम्मू-कश्मीर जाने की कोशिश की थी, लेकिन उनको एयरपोर्ट पर ही रोक लिया गया था और वापस दिल्ली भेज दिया गया था.
सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में गुलाम नबी आजाद ने कहा कि अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद प्रशासन ने जम्मू-कश्मीर में पाबंदियां लगाई है. अब वो जम्मू-कश्मीर की सामाजिक स्थिति का जायजा लेने के लिए दौरा करना चाहते हैं.
बता दें कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी विपक्षी दलों के प्रतिनिधिमंडल के साथ जम्मू-कश्मीर जाने की कोशिश की थी, लेकिन उनको भी इसकी इजाजत नहीं दी गई थी. राहुल गांधी समेत सभी विपक्षी दलों के नेताओं को श्रीनगर एयरपोर्ट पर ही रोक दिया गया और फिर वापस दिल्ली भेज दिया गया था. इस प्रतिनिधिमंडल में सीपीआईएम नेता सीताराम येचुरी भी शामिल थे.
सुप्रीम कोर्ट ने येचुरी को जम्मू-कश्मीर जाने की दी थी इजाजत
सीताराम येचुरी ने जम्मू-कश्मीर जाने की इजाजत नहीं दिए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. शीर्ष अदालत में उन्होंने कहा कि वो अपने बीमार सहयोगी यूसुफ तारीगामी का हालचाल जानने के लिए जम्मू-कश्मीर जाना चाहते हैं. लिहाजा उनको इसकी इजाजत दी जाए. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने कुछ शर्तों के साथ उनको जम्मू-कश्मीर जाने की इजाजत दे दी थी.
महबूबा मुफ्ती की बेटी को भी शीर्ष अदालत ने दी थी अनुमति
शीर्ष अदालत ने पांच सितंबर को जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा को अपनी मां से मिलने की इजाजत दी थी. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा था कि अगर इल्तिजा श्रीनगर में किसी और हिस्से में जाना चाहती हैं, तो वो जिला प्रशासन की इजाजत से जा सकती हैं. आपको बता दें कि अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती जम्मू-कश्मीर में नजरबंद हैं.