कभी एक वोट से केंद्र की वाजपेयी सरकार को गिरा देने वाले दिग्गज कांग्रेसी नेता और ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री गिरधर गमांग ने शनिवार को कांग्रेस का हाथ छोड़ दिया. 9 बार सांसद रहे गमांग ने आरोप लगाया कि जिस पार्टी की उन्होंने 43 साल सेवा की उसी ने उनका अपमान किया.
गमांग ने मीडिया से बातचीत में कहा, ‘मैंने अपना इस्तीफा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेज दिया है. जब 1999 में वाजपेयी सरकार एक वोट से गिर गई थी तब से मैं अपमानित किया जा रहा हूं और मैंने अपना आत्मसम्मान खो दिया है.'
उन्होंने कहा, 'समय मैंने व्हिप के चलते वाजपेयी सरकार के खिलाफ वोट किया था इसके बावजूद पार्टी कभी भी मेरे बचाव में खड़ी नहीं हुई.’ उन्होंने कहा कि अभी उन्होंने किसी और पार्टी में शामिल होने के बारे में निर्णय नहीं लिया है.'
एक ही सीट से 9 बार बने सांसद
गमांग ने कहा, ‘कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद उसमें वापस आने का सवाल ही नहीं उठता है.’ सोनिया को लिखे पत्र में गमांग ने कहा, ‘भारी मन और गहरे दुख के साथ मैं कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से अपना इस्तीफा दे रहा हूं. कृपया इसे स्वीकार करें.’ गमांग ओडिशा की कोरापुट सीट से 1972 से लगातार आठ बार लोकसभा के सदस्य रहे. वर्ष 2004 में वह उसी सीट से नौंवी बार सांसद बने.
गमांग, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और पी. वी. नरसिम्हा राव की सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रहे. वह 1999 में ओडिशा के मुख्यमंत्री भी रहे.
-इनपुट भाषा