भारतीय सीमा के नजदीक चीनी सेना लगातार हरकत कर रही है. लद्दाख के पास जारी विवाद बढ़ता जा रहा है और अब खबर है कि चीनी सेना ईस्टर्न लद्दाख के पास अपने लड़ाकू विमान भी उड़ा रही है. लगातार जारी चीन की इन हरकतों पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया आई है. कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने सरकार पर कई सवाल उठाए हैं.
रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, 'चीनी सेना द्वारा भारतीय सीमा में घुसपैठ के दुस्साहस पर मोदी सरकार क्यों मौन बैठी है. भारत की ‘सुरक्षा व क्षेत्रीय अखंडता’ से कोई समझौता स्वीकार नहीं किया जा सकता. चीनी सेना द्वारा लद्दाख और सिक्किम के तीन स्थानों पर घुसपैठ समाचार पत्रों की सुर्खियां बने हुए हैं. तथाकथित तौर से ये घुसपैठ लद्दाख में गलवान नदी वैली और पांगोंग झील के इलाके में हुई है.'
डर्बुक-श्योक-डीबी रोड पर है खतरा
कांग्रेस नेता ने आगे कहा, 'खबरों की मानें तो चीनी सेना के हजारों सैनिकों ने गलवान वैली और पांगोंग लेक एरिया (लद्दाख) में घुसपैठ कर हमारी ‘भूभागीय अखंडता’ पर अतिक्रमण का दुस्साहस किया है.'
भारतीय सेना की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए रणदीप सुरजेवाला ने कहा, 'सुरक्षा विशेषज्ञों और सेना के जानकारों की मानें तो गलवान नदी वैली में चीन की घुसपैठ से ‘डर्बुक-श्योक-डीबी रोड’ को खतरा उत्पन्न हो जाएगा. इसका इस्तेमाल उत्तर के इलाके में और काराकोरम दर्रा के नजदीक भारतीय सेना को सामान और सभी प्रकार के सैन्य साजो सामान पहुंचाने के लिए सामरिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है.'
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रणदीप सुरजेवाला ने मोदी सरकार पर उठाए सवाल
रणदीप सुरजेवाला ने कई अहम मुद्दे उठाते हुए कहा कि देश की इन चिंताओं के बारे में मोदी सरकार को तत्काल स्थिति स्पष्ट कर जवाब देना चाहिए.
- क्या चीनी सेनाओं ने लद्दाख में ‘गलवान नदी वैली’ और ‘पांगोंग लेक’ के हमारे इलाकों पर कब्जा कर लिया है?
- क्या उन्होंने चीन द्वारा स्वीकृत ‘सीमा रेखा’ को लांघकर गलवान नदी वैली में सैकड़ों टेंट, कॉन्क्रीट के ढांचे और लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) के पार कई किलोमीटर सड़क बना ली है. इसी प्रकार से ‘पांगोंग लेक’ के उत्तरी तट पर भी क्या सड़क निर्माण किया है?
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- क्या यह सही है कि पांगोंग लेक के पास ‘फिंगर हाईट्स’ फिलहाल चीनी सेना के कब्जे में है?
- क्या गलवान नदी वैली में चीनी घुसपैठ से ‘डरबुक-श्योक-डीबीओ’ रोड पर संचालन का खतरा उत्पन्न हो जाएगा, जो उत्तर के इलाके में और काराकोरम दर्रा के नजदीक भारतीय सेना को सामान और सभी प्रकार के सैन्य साजो सामान पहुंचाने के लिए सामरिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है?
- ‘राष्ट्रीय सुरक्षा व भूभागीय अखंडता’ की इन महत्वपूर्ण चुनौतियों से पार पाने के लिए मोदी सरकार ने क्या रणनीतिक तैयारियां की हैं और क्या कारगर कदम उठाए हैं?
- मोदी सरकार ने लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) के हालात पर देश और देश के लोगों के साथ हालात का विवरण साझा क्यों नहीं किया?
- मोदी सरकार ने इस संकट को कूटनीतिक तौर पर सुलझाने बारे बयान दिया है, लेकिन मोदी सरकार को भारत की भूभागीय अखंडता की रक्षा करने और भारत-चीन सीमा पर पूर्व की स्थिति बहाल करने के बारे में देश के नागरिकों और सभी राजनीतिक दलों को विश्वास में लेना चाहिए.