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कांग्रेस नेता का लिंगभेदी बयान, केरल सीएम को बताया 'महिला से भी बदतर'

Congress leader sexist remark about Pinarayi Vijayan केरल कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष द्वारा सीएम पिनाराई विजयन  के खिलाफ दिया गया लिंगभेदी बयान सामने आया है. इसमें कांग्रेस नेता ने 2018 में केरल में आई बाढ़ के दौरान सीएम पर असंवेदनशीलता के आरोप लगाते हुए महिला से भी बदतर बताया है.

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केरल के पिनाराई विजयन बने कांग्रेस नेता का निशाना(फाइल फोटो)
केरल के पिनाराई विजयन बने कांग्रेस नेता का निशाना(फाइल फोटो)

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मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के बारे में विवादित टिप्पणी करने के बाद केरल कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष के सुधाकरन विवादों में आ गए हैं. सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस नेता ने कहा कि पार्टी को उनसे प्रभावी ढंग से प्रशासन चलाने की उम्मीद की थी,  लेकिन वे तोएक महिला से भी बदतर निकले.'

कांग्रेस नेता कसरगोद कलेक्‍ट्रेट में लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट की अगुवाई वाली राज्‍य सरकार की नाकामयाबी के खिलाफ यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट की विरोध सभा को संबोधित कर रहे थे. उनके केरल सरकार पर आरोप है कि पिछले साल राज्य को प्रभावित करने वाली बाढ़ के बादराज्य में पुनर्निर्माण में नाकामयाब रही थी.

कांग्रेस नेता के सुधाकरन ने इस सभा के दौरान कहा, 'हमें विश्वास था कि पिनारायी विजयन एक कुशलतापूर्वक और प्रभावी ढंग से काम करने वाले मुख्यमंत्री होंगे. लेकिन उन्‍होंने साबित कर दिया कि वे खुद सबसे बड़ी आपदा हैं. वे कुछ भी कर सकने में सक्षम नहीं रहे.'

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सुधाकरन ने आगे कहा कि 'जब उन्होंने (पिनारायी विजयन) सत्ता संभाली, तो हमने सोचा कि वह पुरुषों की तरह कुछ कर सकते हैं. लेकिन वे एक असंवेदनशील  मुख्यमंत्री बन गए. यहां तक कि एक महिला भी उनसे बेहतर किया होता. वह एक महिला से भी बदतर हैं.' 

केरल कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष का ये बयान ठीक उस दिन सामने आया है, जब प्रियंका गांधी वाड्रा को ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी का महासचिव बनाया गया है.

मंत्रालय के राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया केंद्र (एनईआरसी) की रिपोर्ट के अनुसार, 2018 में मानसून के दौरान केरल में बारिश और बाढ़ की वजह से 488 लोगों की मौत हो गई और राज्य के 14 जिलों में करीब 54.11 लाख लोग प्रभावित हुए. केरल में यह पिछली एक सदी के सबसे खराबहालात थे. राज्य भर में बाढ़ से लगभग 14.52 लाख लोग विस्थापित हुए और उन्हें राहत शिविरों में रहने के लिए मजबूर होना पड़ा. दक्षिणी राज्य में 57,024 हेक्टेयर से अधिक जमीन पर लगी फसल बर्बाद हो गई.

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