असम में एनआरसी के मुद्दे पर कांग्रेस नेता शशि थरूर की भी प्रतिक्रिया आ गई है. उन्होंने सरकार का नाम लिए बिना एनआरसी के मुद्दे का उठाया है. शशि थरूर ने कहा कि रबींद्रनाथ टैगोर ने कहा था कि राष्ट्रवाद और विदेशी लोगों को न पसंद करने में अंतर होता है. वहीं विदेश लोगों से नफरत धीरे-धीरे भारतीयों से नफरत में बदल जाती है.
"There is a thin line between nationalism and xenophobia —besides, hatred of the foreigner could later turn into a hatred of Indians different from oneself." -- Rabindranath Tagore. The prescience of a great man! #NRC
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) August 31, 2019
शशि थरूर ने यह बात ऐसे समय कही है जब असम में एनआरसी की फाइनल लिस्ट जारी की गई है. असम की राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) की अंतिम सूची शनिवार को जारी कर दी गई, जिसमें से लगभग 19 लाख लोगों के निकाल दिया गया. अंतिम सूची से 19,06,677 लोग निकाले गए हैं. सूची में 3,11,21,004 लोगों को भारतीय नागरिक बताया गया है.
वहीं एनआरसी के आंकड़े जारी होने के बाद कांग्रेस ने अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास 10 जनपथ पर बैठक चल रही है. कांग्रेस इस मुद्दे पर सरकार को घेरने की पूरी कोशिश करेगी. लिहाजा बैठक में इसी को लेकर रणनीति भी बनाई जा सकती है. इस बैठक में पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद और गौरव गोगोई भी शामिल हैं.
बहरहाल, जिन 19 लाख लोगों को एनआरसी लिस्ट में जगह नहीं मिली है, उनके लिए अब भी मौका है. इन लोगों को फॉरनर्स ट्रिब्यूलन में 120 दिनों में अपील करनी पड़ेगी. असम सरकार राज्य में राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) की अंतिम सूची से निकाले गए लोगों से संबंधित मामले देखने के लिए 400 फॉरनर्स ट्रिब्यूनल्स स्थापित करेगी.