भले ही कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल का जमकर विरोध किया हो लेकिन कांग्रेस के पूर्व सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा और मुंबई कांग्रेस के अध्यक्ष मिलिंद देवड़ा ने नरेंद्र मोदी सरकार के इस फैसले का समर्थन किया है.
दीपेंद्र हुड्डा ने ट्वीट कर लिखा, 'मेरी व्यक्तिगत राय रही है कि 21वीं सदी में अनुच्छेद 370 का औचित्य नहीं है और इसको हटना चाहिए. ऐसा सिर्फ देश की अखंडता के लिए ही नहीं, बल्कि जम्मू-कश्मीर जो हमारे देश का अभिन्न अंग है, के हित में भी है. अब सरकार की यह जिम्मेदारी है कि इसका क्रियान्वयन शांति और विश्वास के वातावरण में हो.
मेरा पहले से ये विचार रहा है कि 21वी सदी मे अनुच्छेद 370 का औचित्य नही है और इसको हटना चाहिये।ऐसा देश की अखण्डता व जम्मू-कश्मीर की जनता जो हमारे देश का अभिन्न अंग है के हित मे भी है।
मगर पूर्णत: मौजूदा सरकार की ज़िम्मेदारी है की इस का क्रियान्वरण शांति व विश्वास के वातावरण मे हो pic.twitter.com/6A7i1l5KNn
— Deepender S Hooda (@DeependerSHooda) August 5, 2019
दूसरी ओर देवड़ा ने कहा, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अनुच्छेद 370 को उदार बनाम रूढ़िवादी बहस में तब्दील कर दिया गया. पार्टियों को अपनी विचारधारा से अलग हटकर इस पर बहस करनी चाहिए कि भारत की संप्रभुता और संघवाद, जम्मू-कश्मीर में शांति, कश्मीरी युवाओं को नौकरी और कश्मीरी पंडितों के न्याय के लिए बेहतर क्या है.
Milind Deora, Mumbai Congress President: Unfortunate that #Article370 is being converted into liberal vs conservative debate.Parties should put aside ideological fixations&debate what’s best for India’s sovereignty,peace in J&K,jobs for Kashmiri youth&justice for Kashmiri Pandits pic.twitter.com/6BtZY6elou
— ANI (@ANI) August 5, 2019
इसके अलावा कांग्रेस के जनार्दन द्विवेदी ने भी अनुच्छेद 370 हटाए जाने का स्वागत किया. उन्होंने कहा, मेरे राजनीतिक गुरु राम मनोहर लोहिया हमेशा से इस आर्टिकल के खिलाफ थे. इतिहास की एक गलती को आज सुधारा गया है.
हालांकि कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने अनुच्छेद 370 को समाप्त करने और जम्मू एवं कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) में बांटने के सरकार के कदम का कड़ा विरोध किया. गृहमंत्री अमित शाह की ओर से प्रस्तावित विधेयक पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा कि सरकार देश को टुकड़े-टुकड़े करना चाहती है. उन्होंने कहा कि जम्मू एवं कश्मीर के लोग केंद्र सरकार के साथ नहीं हैं.