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कांग्रेस के मिशन 2014 के कप्तान होंगे राहुल!

दो दिनों तक चिंतन शिविर के मंथन के बाद कांग्रेस ने राहुल नाम का अमृत निकाला. तय हो गया कि कांग्रेस के मिशन 2014 की अगुआई राहुल गांधी करेंगे. महीनों से राहुल को जिस बड़ी जिम्मेदारी देने की बात की जा रही थी उसका बस औपचारिक ऐलान होना बाकी है.

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दो दिनों तक चिंतन शिविर के मंथन के बाद कांग्रेस ने राहुल नाम का अमृत निकाला. तय हो गया कि कांग्रेस के मिशन 2014 की अगुआई राहुल गांधी करेंगे. महीनों से राहुल को जिस बड़ी जिम्मेदारी देने की बात की जा रही थी उसका बस औपचारिक ऐलान होना बाकी है.

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बताया जा रहा है कि जयपुर में जश्न की तैयारियां शुरु हो चुकी हैं. रथ सजाए जा रहे हैं, ढोल नगाड़ों का इंतजाम किया जा रहा है. कांग्रेस वर्किंग कमेटी और फिर कोर कमेटी की बैठक में राहुल की प्रस्तावित जिम्मेदारियों पर वृहत मंथन होगा, जिसके बाद ऐलान की उम्मीद है.

सवाल ये है कि बड़ी जिम्मेदारी का मतलब क्या. क्या राहुल को कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाने की तैयारी है. पिछले दो दिनों में बुजुर्ग से लेकर युवा नेताओं की फौज ने खुलकर राहुल राग अलापा है. सबने एक सुर में कहा, राहुल को लाओ, 2014 में पीएम बनाओ.

नेहरू-गांधी परिवार के वारिस राहुल गांधी जब से सियासी मैदान में उतरे हैं, तभी से उन्हें कांग्रेस का भविष्य माना गया. 2009 की चुनावी जीत ने राहुल गांधी के कद को बढ़ा दिया.

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इसके बाद बिहार, उत्तर प्रदेश, पंजाब और गुजरात जैसे अहम राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए, लेकिन राहुल का जादू फीका नजर आया. उत्तर प्रदेश चुनावों में राहुल काफी आक्रामक नज़र आए लेकिन नतीजा आया तो साबित हो गया कि सिर्फ तेवर से वोट नहीं मिलते. बावजूद इसके कांग्रेस को लगता है कि राहुल का दांव 2014 में फिर से सत्ता दिलाएगा.

दरअसल, कांग्रेस को लग रहा है कि राहुल की अगुवाई में युवाओं की बड़ी तादाद कांग्रेस से जुड़ेगी लेकिन कांग्रेस के यूथ राग पर में बीजेपी कोई कुछ दूसरा एजेंड़ा नजर आ रहा है.

दरअसल, राहुल कांग्रेस के लिए अब तक इक्के की तरह थी जिसे पार्टी ने हर जरुरी मौके पर निकाला और अब कांग्रेस का वही इक्का तुरुप बन गया लेकिन सवाल ये कि क्या राहुल दांव विपक्ष को चुनावी मैदान में चित कर पाएगा.

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