भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी या कैग) विनोद राय के बयान पर कांग्रेसी खेमे में बुरी तरह खलबली मच गई है. सीएजी विनोद राय के बयान पर दिग्विजय सिंह ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. दिग्विजय सिंह ने कटाक्ष करते हुए कहा है कि सीएजी की सलाह की जरूरत नहीं है वो सरकार को अपना काम करने दें.
कांग्रेस नेता सत्यव्रत चतुर्वेदी ने भी विनोद राय पर निशाना साधा. आरोपों को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि कैग हद पार कर रही है. कांग्रेस उसे मर्यादित आचरण से जवाब देगी.
क्या कहा था सीएजी ने?
दरअसल अमेरिका के हार्वर्ड केनेडी स्कूल में एक लेक्चर के दौरान विनोद राय ने कहा कि पब्लिक ऑडिटर की कोशिश क्रोनी कैपिटलिज्म यानी सरकारी अधिकारियों और कारोबारियों के बीच सांठगांठ को सामने लाने की होगी. सीएजी ने इशारा किया कि सरकार उद्योगपतियों और कारोबारियों का समर्थन करती रही है जबकि सरकार को उद्योग और कारोबार का समर्थन करना चाहिए. विनोद राय ने ये भी कहा था कि सीएजी की भूमिका सिर्फ रिपोर्ट को संसद में रखने तक सीमित नहीं होनी चाहिए. बल्कि लोगों को जागरूक भी करना चाहिए.
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सीपीएम और टीएमसी ने किया कैग का समर्थन
सीपीएम नेता डी राजा ने सीएजी का बचाव किया. उन्होंने कहा सीएजी देश की सबसे बड़ी ऑडिट संस्था है. सरकार उसकी बातों को गंभीरता से लेना सीखे. तृणमूल कांग्रेस के नेता सुल्तान अहमद ने भी सीएजी का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि सीएजी जो कहती है उसपर देश भरोसा करता है.
सीएजी के पूर्व अधिकारी आर पी सिंह भी विनोद राय के साथ खड़े हुए हैं. उन्होंने कहा कि सीएजी एक स्वतंत्र संस्था है. विनोद राय किसी के दबाव में काम नहीं कर रहे हैं.