कांग्रेस के मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर दलित, आदिवासियों के शोषण का आरोप लगाया है. सूरजेवाला ने सोमवार को कहा कि पिछले छह सालों में भाजपा सरकार ने सबसे अधिक सौतेला व्यवहार दलितों और आदिवासियों के साथ किया है. इनके ही अधिकारों पर सबसे अधिक हमले हुए हैं.
उन्होंने कहा कि दलित भाजपा की राजनैतिक उपेक्षा, सामाजिक शोषण व आर्थिक अनदेखी के शिकार बने हैं. एक बार फिर संवेदनहीन मोदी सरकार ने देश की नई पीढ़ी के भविष्य पर वार किया है. CBSE ने अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) वर्ग के छात्रों के लिए 10वीं और 12वीं के बोर्ड परीक्षा शुल्क में कई गुना वृद्धि कर दी है. सामान्य वर्ग की फीस भी कई गुना बढ़ा दी गई है.
सूरजेवाला ने कहा कि सबका साथ, सबका विकास का भाजपाई नारा न जमीन पर है, और न ही कागजों पर ही. सिर्फ मुट्ठी भर लोगों के विकास और गरीबों से विश्वासघात भाजपा सरकार की नीयत व नीति है. शोषण और असमानता से लड़ने, दलित एवं पिछड़ों को ताकत देने के लिए संविधान में आरक्षण की व्यवस्था की गई, लेकिन भाजपा सरकार देश को रिवर्स गियर में चला रही है.
उन्होंने ऊना में दलितों की चमड़ी कांग्रेस का घृणित कार्य, रोहित वेमुला को आत्महत्या के लिए मजबूर करना व RSS/भाजपा द्वारा संविधान में दिए आरक्षण पर हमला करना इसका जीता जागता उदाहरण है. भाजपा सरकार में प्रत्येक 12 मिनट में एक दलित अत्याचार सहने को मजबूर है. भाजपा सरकार दलितों के साथ संस्थागत स्तर पर अन्याय करती आ रही है और अब देश के भविष्य, नई पीढ़ी पर सीधा हमला कर दिया है.
कांग्रेस के मीडिया प्रभारी ने सवाल उठाया कि विकास, न्याय, शिक्षा और स्वास्थ्य की बात करने वाली मोदी सरकार क्यों दलितों को शिक्षा के हक से वंचित कर रही है? भाजपा द्वारा संस्थागत तरीक़े से दलितों से भेद-भाव व अत्याचार के अनेकों ज्वलंत उदाहरण हैं.
वजीफे में भारी कटौती
उन्होंने अनुसूचित जाति के छात्रों के वजीफे में भारी कटौती का आरोप लगाते हुए कहा कि अनुसूचित जाति के छात्रों को 10वीं कक्षा के बाद दी जाने वाली छात्रवृत्ति में साल 2019-20 के बजट में 3000 करोड़ रु. की कटौती की गई है. 2018-19 के रिवाइज्ड बजट में जहां इस मद में 6000 करोड़ रुपये का प्रावधान था, वहीं 2019-20 के बजट में यह 2926 करोड़ रुपये है.
उन्होंने कहा कि SC विद्यार्थियों की PhD स्कॉलरशिप राशि में भी 2014-15 के बजट की अपेक्षा 400 करोड़ की कटौती की गई है. 2014-15 में जहां इसके लिए 602 करोड़ रुपये का बजट आवंटित था, वहीं 2019-20 में यह 283 करोड़ रुपये है. मैला साफ करने वाले गरीबों के लिए मकान और व्यवसाय का प्रबंध करने के मद के बजट में भी 300 फीसदी तक की कटौती हुई है. 2014-15 में इसके लिए 439 करोड़ का बजट उपलब्ध कराया गया था. 2019-20 में यह 110 करोड़ रुपये रह गया.
अनुसूचित जातियों के आरक्षण से छेड़छाड़ अब भी एजेंडा
कांग्रेस के मीडिया प्रभारी ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत और प्रचार मंत्री मनमोहन वैद्य ने खुलेआम आरक्षण को खत्म करने की वकालत की है. भाजपाई सदैव गरीबों के आरक्षण के खिलाफ रहे हैं. पूरा देश जानता है कि पहले राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ एजेंडा तय करता है और भाजपा की सरकार इसे आगे चलकर लागू करती है. उन्होंने कहा कि अब भी आरक्षण से छेड़छाड़ भाजपा का षड़यंत्रकारी एजेंडा है.
SC/ST अत्याचार निरोधक कानून को खत्म करने की साजिश
सूरजेवाला ने कहा कि 20 मार्च, 2018 को भाजपा सरकार के षडयंत्रकारी रवैये और मुकदमे की पैरवी की जानबूझ कर की गई अनदेखी के चलते अनुसूचित जाति व आदिवासियों पर अत्याचार रोकने वाले कानून को अदालत ने खारिज कर दिया. इस कानून को कांग्रेस ने अनुसूचित जातियों पर होने वाला अत्याचार रोकने के लिए बनाया था.
उन्होंने कहा कि आखिर जब कांग्रेस ने देश की संसद की कार्यवाही बाधित की, तब भाजपा सरकार ने एक अगस्त 2018 को कानून में संशोधन मंजूर किया. सूरजेवाला ने कहा कि भाजपा सरकार ने फिर नया षड़यंत्र रचते हुए दलितों के अधिकारों के संरक्षण वाले इस संशोधन कानून को भी सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दिलवा रखी है. भाजपा का लक्ष्य है कि गरीबों के शोषण को रोकने वाला यह कानून हमेशा के लिए कानून की किताब से खत्म हो जाए.
SC/ST सब-प्लान का खात्मा
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि साल 2010 में कांग्रेस सरकार ने यह अनिवार्य कर दिया था कि सरकार के बजट में दलितों व आदिवासियों की जनसंख्या के आधार पर बजट का हिस्सा सुनिश्चित किया जाएगा. अब दलितों की जनसंख्या के आधार पर उनके कल्याण के लिए बजट देना अनिवार्य नहीं रह गया है.
दलितों पर बेहिसाब अत्याचार
सूरजेवाला ने कहा कि राष्ट्रीय क्राईम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की 2016 की रिपोर्ट के मुताबिक दलितों पर अत्याचार के 40,801 मामले दर्ज किए गए. यानि हर 12 मिनट में देश में एक दलित पर अत्याचार हो रहा है. दलितों के खिलाफ अपराध में 25 फीसदी वृद्धि हुई है. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने दलितों पर अत्याचार के 2016-17 के बाद के आंकड़े छिपा दिए हैं, क्योंकि ये बहुत ही अधिक हैं.
सूरजेवाला ने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस मांग करती है कि भाजपा सरकार 24 गुना फीस वृद्धि को तुरंत वापस कराए. सामान्य वर्ग के लिए की गई दोगुनी फीस वृद्धि को भी वापस ली जाए. उन्होंने कहा कि अगर सरकार ऐसा नहीं करती है तो यह साबित हो जाएगा कि बाबा साहब के सपने 'शिक्षित बनो,संघर्ष करो' को धूमिल करने की दिशा में भाजपा सरकार का यह एक और प्रयास है.