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बालाकोट: सिद्धू का ताना- 48 सैटेलाइट हैं, सरकार को पता नहीं, कहां पेड़ कहां ढांचा

नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि देश में 48 सैटेलाइट हैं, लेकिन सरकार को पता नहीं है कि कहां पेड़ हैं और कहां ढांचा. इससे पहले भी सिद्धू एयर स्ट्राइक पर सवाल खड़े कर चुके हैं. 4 मार्च को सिद्धू ने ट्वीट कर पूछा था कि क्या एयरस्ट्राइक में 300 आतंकी मरे थे या नहीं, अगर नहीं मरे थे तो क्या इसका मतलब है कि वहां सिर्फ पेड़ उखाड़ने गए थे.

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नवजोत सिंह सिद्धू (फाइल फोटो- PTI)
नवजोत सिंह सिद्धू (फाइल फोटो- PTI)

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बालाकोट हमले की सफलता पर सवाल उठा चुके कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने केन्द्र सरकार पर एक बार फिर से हमला बोला है. सिद्धू ने राफेल, आतंकी हमले, खुफिया चूक का हवाला देते हुए पूछा है कि क्या देश सचमुच इस वक्त सुरक्षित हाथों में है. पंजाब सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि देश में 48 सैटेलाइट हैं लेकिन सरकार को पता नहीं है कि कहां पेड़ हैं और कहां ढांचा. इससे पहले भी सिद्धू एयर स्ट्राइक पर सवाल खड़े कर चुके हैं. 4 मार्च को सिद्धू ने ट्वीट कर पूछा था कि क्या एयरस्ट्राइक में 300 आतंकी मरे थे या नहीं, अगर नहीं मरे थे तो क्या इसका मतलब है कि वहां सिर्फ पेड़ उखाड़ने गए थे.

नरेंद्र मोदी सरकार के फैसलों की कड़ी आलोचना करने वाले पंजाब सरकार के मंत्री ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा, "दुनिया के सबसे बड़े डिफेंस डील की फाइल गुम हो गई...खुफिया चूक की वजह से 40 जवानों को शहादत देनी पड़ी...1708 आतंकी घटनाएं हुईं, 48 सैटेलाइट हैं लेकिन सरकार पेड़ों और ढांचों के बीच अंतर नहीं कर पा रही है...ये राष्ट्रीय सुरक्षा पर गंभीर खतरा है." सिद्धू ने इस ट्वीट को क्या हमारे देश सुरक्षित हाथों में है के साथ टैग भी किया है."

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नवजोत सिंह सिद्धू ने इस ट्वीट के साथ रॉयटर्स की उस रिपोर्ट का स्क्रीनशॉट भी लगाया गया है जिसमें सैटेलाइट इमेज के हवाले से दावा किया गया है कि बालाकोट में जिस स्थान पर भारतीय वायुसेना ने हमला किया था वहां पर मदरसे की इमारत अभी भी खड़ी है.

इसहमले के बाद पाकिस्तान ने दावा किया था कि इस कार्रवाई में कोई नुकसान नहीं पहुंचा है, बल्कि भारत की ओर से की गई बमबारी में कुछ पेड़ जरूर गिर गए हैं. अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने कहा था कि जाबा पहाड़ी पर स्थित मदरसे की दीवार आज भी खड़ी है.

बता दें कि 14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर बड़ा आतंकी हमला हुआ. इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे. पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने इसकी जिम्मेदारी ली थी. इस हमले के बाद जैश के खिलाफ कार्रवाई की जोरदार मांग देश में उठी. 26 फरवरी की देर रात को इंडियन एयरफोर्स के मिराज विमानों ने पाकिस्तान के अंदर बालाकोट में जैश के ट्रेनिंग कैंप पर हमला किया और जाबा टॉप पर स्थित इस कैंप को ध्वस्त कर दिया. भारत सरकार ने कहा कि इस हमले में बड़ी संख्या में जैश के आतंकी, ट्रेनर, कमांडर मारे गए. मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि इस आतंकी हमले में 300 से ज्यादा आतंकी मारे गए हैं.

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बता दें कि पुलवामा हमले के बाद भी सिद्धू के बयान पर बीजेपी ने उनकी आलोचना की थी. पुलवामा हमले के बाद सिद्धू ने कहा था कि आतंक का कोई धर्म नहीं होता है. सिद्धू ने कहा था कि एक हमले के लिए पूरे देश को गलत ठहराना ठीक नहीं है. उन्होंने कहा था कि बातचीत के जरिए ही आतंक को समूल विनाश किया जा सकता है. उनके इन बयानों पर खूब बीजेपी-कांग्रेस के बीच खूब बयानबाजी हुई थी. कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने इस हमले का सबूत मांगा और कहा कि इस हमले में कितने लोग मारे गए, ये जानने को हक देश को है.

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