आंध्र प्रदेश सरकार में शामिल तेलंगाना क्षेत्र के कांग्रेसी मंत्रियों ने पृथक तेलंगाना राज्य के बजाय पैकेज का प्रस्ताव खारिज कर दिया है.
उनका कहना है कि उन्हें पृथक तेलंगाना राज्य के अतिरिक्त कुछ भी मंजूर नहीं होगा. कांग्रेस सूत्रों ने पिछले सप्ताह इसके संकेत दिए थे कि पार्टी इस माह के अंत तक इस विवादास्पद मुद्दे पर निर्णय की घोषणा कर सकती है. सूत्रों के अनुसार, केंद्र सरकार पृथक तेलंगाना राज्य के गठन को मंजूरी देने के बजाय क्षेत्र के विकास के लिए पैकेज देने पर विचार कर रही है. कांग्रेस नेतृत्व भी इसके पक्ष में है.
इस तरह की चर्चाओं ने हालांकि आंध्र प्रदेश में तेलंगाना क्षेत्र से संबंध रखने वाले कांग्रेस के मंत्रियों को परेशान कर दिया है. इसकी भनक लगते ही तेलंगाना क्षेत्र से संबंध रखने वाले आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दामोदर राजनरसिम्हा कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व से चर्चा के लिए नई दिल्ली रवाना हो गए.
कई मंत्रियों ने पृथक राज्य के बजाय पैकेज के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है. आंध्र प्रदेश के सूचना एवं जनसम्पर्क मंत्री डी. के. अरुणा ने कहा कि केवल पृथक तेलंगाना राज्य के गठन से ही उन्हें संतोष होगा. हालांकि सूचना प्रसारण मंत्री पोन्नला लक्ष्मैया ने कहा कि पैकेज से समस्या का समाधान नहीं होगा. उनके सहयोगियों- डी. श्रीधर बाबू तथा बसवाराजू सरैया ने भी ऐसी ही राय रखी.
कांग्रेस के तेलंगाना समर्थक नेताओं का नेतृत्व करने वाले जना रेड्डी ने हालांकि उम्मीद जताई कि पार्टी सकारात्मक निर्णय लेगी. उन्होंने कहा कि पैकेज को लेकर होने वाली चर्चा केवल अटकलें हैं.
जना रेड्डी ने यह भी कहा कि पृथक तेलंगाना राज्य के गठन के बगैर वह मुख्यमंत्री का पद भी स्वीकार नहीं करेंगे. उन्होंने कहा, 'यदि कांग्रेस पृथक तेलंगाना राज्य का गठन करती है तो मैं पूरी जिंदगी इस पार्टी की सेवा करूंगा.'
आंध्र प्रदेश सरकार में शामिल तेलंगाना क्षेत्र के मंत्रियों, सांसदों और विधायकों ने मंगलवार को पृथक राज्य के मुद्दे पर जल्द निर्णय के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखने का फैसला किया था. उन्होंने 30 जून को हैदराबाद में जनसभा करने का भी निर्णय लिया.