कांग्रेस के लिए 10 फरवरी की तारीख अहम होने जा रही है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इसी दिन से ना सिर्फ कर्नाटक विधानसभा चुनाव कैम्पेन का बिगुल फूंकने जा रहे हैं बल्कि साथ ही पार्टी के ‘मिशन 2019’ का साफ्ट लॉन्च भी करने जा रहे हैं.
राहुल इन दिनों दिल्ली में अपने आवास ‘12, तुगलक लेन’ पर ‘मिशन 2019’ के लिए पार्टी की रणनीति का खाका खींचने में जुटे हैं. यही वजह है कि कांग्रेस के तमाम छोटे-बड़े नेता इन दिनों प्रेजेंटेशन और प्रस्तावों के साथ राहुल के आवास की ओर दौड़ लगा रहे हैं. हालांकि पार्टी में मंथन जोरशोर से जारी है लेकिन कांग्रेस नेतृत्व ने कुछ ऐसे ‘अहम’ क्षेत्रों की पहचान कर ली है जिन पर सबसे पहले ध्यान देने की आवश्यकता है. राहुल गांधी ने पार्टी की राज्य इकाइयों को जिन मुद्दों पर तत्काल काम करने के लिए कहा है, उनमें लोकसभा के संभावित उम्मीदवारों की सूची तैयार करना, शहरी वोटरों पर फोकस, बूथ और ब्लॉक स्तर पर ढांचे का निर्माण, कम्युनिकेशन डिपार्टमेंट टीमों का गठन, स्थानीय मुद्दों पर जोर देने के लिए कहा है. जिससे इनका आगे चलकर प्रचार में इस्तेमाल किया जा सके.
गुजरात कांग्रेस अध्यक्ष भरत सिंह सोलंकी ने बताया, ‘हम 2019 चुनाव के सिलसिले में पार्टी अध्यक्ष से मिले. हमारी प्राथमिकता अब उन उम्मीदवारों की सूची तैयार करना है जिन्हें 2019 लोकसभा चुनाव में खड़ा किया जा सके.’ राहुल गांधी ना सिर्फ पार्टी नेताओं के साथ गहन विचार विमर्श कर रहे हैं बल्कि कांग्रेस के मिशन 2019 के लिए पार्टी की प्रदेश इकाइयों के प्रमुखों को निर्देश भी दे रहे हैं.
राहुल गांधी से मिलने के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा, ‘राहुल के साथ हमने मिशन 2019 पर लंबी बात की. इस बारे में ज्यादा नहीं बताया जा सकता लेकिन हम राज्य में संगठन की मजबूती की काम कर रहे हैं.’
पंजाब कांग्रेस प्रमुख सुनील जाखड़ ने कहा, ‘हम बूथ प्रबंधन के लिए पहले ही काम कर चुके हैं. पार्टी अध्यक्ष ने हमसे कहा कि हम लोगों को बताएं, राज्य में लोगों की बेहतरी के लिए क्या किया जा रहा है और भविष्य में हमारी क्या योजना है.’
झारखंड के लिए पार्टी के प्रभारी आरपीएन सिंह ने कहा, ‘हमने 5 जोनल कोऑर्डिनेटर्स नियुक्त किए हैं और उन्हें अगले दो महीने में ब्लॉक और बूथ स्तर पर ढांचा खड़ा कर उसे सक्रिय बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. यद्यपि 2019 में चुनाव होने हैं लेकिन बुनियादी स्तर पर ढांचा जल्दी से जल्दी खड़ा किया जाना चाहिए. जिससे कि खामियों को तत्काल दूर किया जा सके.’
कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता मानते हैं कि गुजरात चुनाव कैम्पेन जो काफी हद तक कामयाब रहा, उसे अन्य राज्यों में भी दोहराया जाना चाहिए. कर्नाटक कांग्रेस पहले से तय कर चुकी है कि राहुल गांधी पार्टी के अन्य नेताओं के साथ राज्य भर में बस पर चढ़ कर प्रचार करेंगे. कांग्रेस नेतृत्व की चिंता पार्टी का वोट शेयर बढ़ाने की भी है. इसके लिए राज्यों के नेताओं को विशेष मेहनत करने के लिए कहा गया है.
गुजरात से पार्टी के वरिष्ठ नेता सिद्धार्थ पटेल ने कहा, ‘हमारा नवसर्जना यात्रा कैम्पेन हिट रहा लेकिन वोट शेयर में जितनी बढ़ोतरी हुई उससे संतुष्ट नहीं हैं. गुजरात में हमारा सघन कैम्पेन बीजेपी की तुलना में कहीं बेहतर था लेकिन फिर भी हमारी हार हुई. अब से हम अपना वोट शेयर बढ़ाने और समर्थन को वोटों में तब्दील होना सुनिश्चित करने के लिए ज्यादा मेहनत करेंगे.’
पार्टी नेतृत्व ने प्रदेश कांग्रेस कमेटियों को शहरी वोटरों तक पहुंच बढ़ाने के लिए कहा है. इस बारे में भरत सिंह सोलंकी कहते हैं, ‘हम मध्यम वर्ग और शहरी आबादी के मुद्दे उठाएंगे. साथ ही शहरी क्षेत्रों पर भी अधिक फोकस रखा जाएगा.’
इस बीच दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने एक खाका भी तैयार किया है जिसमें शहरी मतदाताओं के जॉब प्रोफाइल के आधार पर उन तक पहुंचा जाएगा. दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन ने कहा, ‘हमने लोगों के प्रोफेशन के आधार पर कमेटियां तैयार की हैं. संगठन को मजबूत करने की दिशा में हमारी स्थानीय यूनिट उनसे संपर्क बना रही हैं.’
2019 की चुनावी जंग सड़कों के साथ स्टूडियोज और सोशल मीडिया पर भी लड़ी जानी है. कांग्रेस ने राज्यवार अपने कम्युनिकेशन डिपार्टमेंट्स को मजबूत करने के लिए काम शुरू कर दिया है.
कांग्रेस कम्युनिकेशन डिपार्टमेंट की संयोजक प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, कांग्रेस अध्यक्ष से निर्देश मिलने के बाद हमने देश भर में अपने डिपार्टमेंट्स को मजबूत करना शुरू कर दिया है. हम अपनी कम्युनिकेशंस टीम के लिए युवा लोगों को सामने लाने के साथ स्थानीय मुद्दों पर आधारित कैम्पेन पर जोर दे रहे हैं. बाद में इन्हें राष्ट्रीय स्तर पर आगे लाया जा सकता है.’ सीधे कनेक्ट होने की रणनीति के तहत ही कांग्रेस अध्यक्ष अब हर शनिवार को दिल्ली में पार्टी मुख्यालय पर ‘जनता दरबार’ का आयोजन करेंगे.