कर्नाटक में कांग्रेस विधायकों के साथ सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. इसकी एक बानगी रविवार को तब दिखी जब एक विधायक ने मंत्री पद बंटवारे को लेकर सोशल मीडिया पर अपनी भड़ास निकाली. विधायक ने आरोप लगाया कि जानबूझ कर अगला कैबिनेट विस्तार फंसा कर रखा गया है.
कांग्रेस विधायक बीसी पाटिल ने सोशल मीडिया पर कहा, 'कैबिनेट विस्तार को बेवजह टाला जाना विधायकों की बेइज्जती है. यह लोकतंत्र की हत्या है जो पार्टी के नाम पर तनाशाही को दर्शाता है.'
कर्नाटक में अगला कैबिनेट विस्तार अगस्त में संभावित था लेकिन अब तक यह लटका हुआ है. पूर्व में मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने खुद ऐलान किया था कि इसे 10-12 अक्टूबर तक पूरा कर लिया जाएगा. अब जब कर्नाटक में उपचुनावों की घोषणा हो गई, तो इसमें आगे और देरी की आशंका है.
कर्नाटक कैबिनेट में कांग्रेस से 6 पद भरे जाने हैं और जेडीएस से एक. पाटिल ने कहा, जेडीएस ने सारे पद भर लिए लेकिन एक खाली छोड़ दिया. जबकि कांग्रेस के 6 पद अब तक खाली हैं. इस संबंध में हावेरी जिले में अब तक एक भी बैठक नहीं हुई, न बाढ़ को लेकर कोई बात हुई. ऐसा लग रहा है कोई अधिकारी काम नहीं कर रहा, इसलिए कैबिनेट विस्तार जरूर होना चाहिए.
पाटिल लिंगायत समुदाय से आते हैं और मंत्री बनने की इच्छा रखते हैं. कैबिनेट विस्तार में देरी पर उन्होंने कहा, पहले उन्होंने कहा कि आषाढ़ माह के बाद करेंगे. फिर स्थानीय चुनाव और एमएलसी चुनाव बाद विस्तार की बात हुई लेकिन अब तो नए चुनाव आ गए. मैंने पार्टी आला कमान के सामने यह मसला उठाया है.
पाटिल की इस 'बगावत' पर बीजेपी ने चुटकी ली है. कर्नाटक बीजेपी की ओर से एक ट्वीट में कहा गया, कांग्रेस नेताओं को लगने लगा है कि उन्हीं की पार्टी में कुछ लालची एजेंट हैं जो अपने विधायकों की बेइज्जती कर रहे हैं. सच्चाई यह है कि कांग्रेस ने कर्नाटक में उसी दिन लोकतंत्र की हत्या कर दी जब जनादेश का धत्ता बताते हुए वंशवादी पार्टी के सामने समर्पण कर दिया.