scorecardresearch
 

बजट सत्र की 'बर्बादी' के बाद जयराम रमेश की मांग- मई/जून में हो स्पेशल सत्र

जयराम रमेश ने उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू से इस सिलसिले में बात की. जयराम रमेश ने नायडू से अपील की कि वे मोदी सरकार से संसद का स्पेशल सत्र लाने के लिए बात करें. जयराम रमेश के अनुसार मई या जून में स्पेशल सत्र लाकर बचे हुए बिल पास करने जैसे विधायी काम पूरे किए जा सकते हैं.

Advertisement
X
कांग्रेस नेता जयराम रमेश
कांग्रेस नेता जयराम रमेश

Advertisement

संसद के बजट सत्र का दूसरा हिस्सा बिना कोई खास काम किए शुक्रवार को समाप्त हो गया. संसद का 23 दिन का वक्त सत्ता पक्ष और विपक्ष की ‘तू तू-मैं मैं’ की ही भेंट चढ़ गया. वहीं अब कांग्रेस के सांसद जयराम रमेश चाहते हैं कि मई-जून में स्पेशल सत्र हो.

जयराम रमेश ने उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू से इस सिलसिले में बात की. जयराम रमेश ने नायडू से अपील की कि वे मोदी सरकार से संसद का स्पेशल सत्र लाने के लिए बात करें. जयराम रमेश के अनुसार मई या जून में दो सप्ताह का स्पेशल सत्र लाकर बचे हुए बिल पास करने जैसे विधायी काम पूरे किए जा सकते हैं. इसके लिए उन्होंने उपराष्ट्रपति को लेटर भी लिखा है. हालांकि यह लेटर उन्होंने कांग्रेस की तरफ से नहीं बल्कि पर्सनली लिखा है.  

Advertisement

आपको बता दें कि 5 मार्च से शुरू हुए बजट सत्र का दूसरा हिस्सा छुट्टियों को छोड़कर 23 दिनों का था. इस दौरान संसद लगातार ठप रहने की वजह से लोकसभा में सिर्फ पांच बिल पास हो सके, जिनमें वित्त विधेयक भी शामिल है. इस दौरान लोकसभा में करीब 28 विधेयक पेश किए जाने थे. वहीं राज्यसभा के एजेंडे में 39 विधेयक शामिल थे. वहीं राज्यसभा से सिर्फ एक ग्रेच्युटी भुगतान संशोधन विधेयक 2017 ही पारित हो सका. कामकाज के लिहाज से यह सत्र बीते 10 साल का सबसे हंगामेदार सत्र साबित हुआ.

सत्र के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष में लगातार गतिरोध की स्थिति बनी रही और कार्यवाही को एक दिन में कई-कई बार स्थगित करना पड़ा. आपको बता दें कि संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने बताया कि बजट सत्र के दूसरे हिस्से में लोकसभा में सिर्फ 4% काम हुआ जबकि राज्यसभा में 8% काम हुआ.

राज्यसभा सिर्फ रिटायर हो रहे सदस्यों की विदाई और नए सदस्यों की शपथ के दिन ही ठीक से चली. बाकी वक्त विपक्ष के शोर-शराबे और सरकार के विपक्ष के साथ सहमति न बना पाने के कारण बर्बाद हो गया. एक अनुमान के मुताबिक संसद को चलाने में प्रति मिनट ढाई लाख रूपये से ज्यादा खर्च होता है.

Advertisement
Advertisement