कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने गुरुवार को लोकसभा में तीन तलाक बिल पास कराने की मोदी सरकार की तैयारियों से पहले बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि तीन तलाक बिल की आज लोकसभा में नाटकीय उपस्थिति होगी. ये अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयान से ध्यान भटकाने के लिए है. यदि एनडीए और बीजेपी मुस्लिम पर्सनल लॉ में हस्तक्षेप करने की इच्छुक है, तो वह समुदाय से परामर्श क्यों नहीं करती है और इसे 1950 के हिंदू कोड बिल की तरह समग्र रूप से संहिताबद्ध करे.
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावे पर मंगलवार को लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जवाब देने की मांग करते हुए विपक्ष ने सदन से वॉक आउट किया. ट्रंप ने दावा किया था कि हाल ही में जापान के ओसाका में हुए जी-20 सम्मेलन में भारत के पीएम मोदी ने कश्मीर मुद्दे पर उनसे मध्यस्थता करने का आग्रह किया था.
Triple Talaq Bill makes a dramatic appearance in Lok Sabha today. A deflection from Modi’s invite to Trump to intervene in Kashmir? If NDA/BJP is keen to intervene in Muslim Personal Law why does it not consult community & codify it holistically like Hindu Code Bill in 1950’s??
— Manish Tewari (@ManishTewari) July 25, 2019
निचले सदन में शून्यकाल के दौरान दूसरी बार मुद्दा उठाते हुए कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने इस मुद्दे पर पीएम मोदी का जवाब मांगा और पूछा कि क्या प्रधानमंत्री ने जी-20 सम्मेलन के दौरान ट्रंप से कोई आग्रह किया था. तिवारी ने कहा कि ऐसा नहीं है तो 'यह भारत की एकता और संप्रभुता पर बहुत बड़ा हमला है.'
समाचारपत्रों में प्रकाशित लेखों का हवाला देते हुए तिवारी ने कहा कि सरकार को अमेरिकी राष्ट्रपति के उस दावे पर सफाई देनी चाहिए, जिसमें उन्होंने कहा था कि मोदी ने ओसाका में उनसे पूछा था कि 'आप कश्मीर मुद्दे में मध्यस्थता क्यों नहीं करते? आप कश्मीर मुद्दे पर निर्णायक क्यों नहीं बनते?'
तिवारी ने कहा, 'हम मांग करते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी को सदन में आकर जवाब देना चाहिए कि उनके और ट्रंप के बीच में ऐसी कोई बात हुई है कि नहीं. अगर दोनों नेताओं के बीच ऐसी बात नहीं हुई है तो उन्हें (मोदी) स्पष्ट रूप से कहना चाहिए कि अमेरिका के राष्ट्रपति कश्मीर मुद्दे पर गलत बयान दे रहे हैं. सरकार और प्रधानमंत्री की तरफ से स्पष्ट बयान आना चाहिए.'
विपक्ष की मांग नहीं मानने और इस मुद्दे पर जवाब देने के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर के खड़े होते ही सदन में हंगामा हो गया. मंत्री ने हंगामे के बीच ट्रंप के दावे को खारिज करने वाला अपना बयान पढ़ा और कहा कि ऐसा कोई आग्रह कभी नहीं किया गया है. लेकिन विपक्षी दलों- कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक और राकांपा ने सरकार के बयान पर कोई ध्यान नहीं दिया और सदन से वॉक आउट कर दिया.
10 दिन के लिए बढ़ेगा सत्र
संसद का मौजूदा सत्र 10 दिन के लिए बढ़ाया जाएगा. ऐसा विधायी कार्यो व सरकार के कम से कम 35 विधेयकों को पारित करने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए किया जाएगा. बैठकों में विस्तार के साथ सत्र अब 9 अगस्त को समाप्त होगा. 17वीं लोकसभा का पहला सत्र 17 जून को शुरू हुआ. इसकी शुरुआत सदस्यों के शपथ ग्रहण से हुई और इसका समापन 26 जुलाई को निर्धारित था.