बिजली की दरों में 50 फीसदी कटौती के दिल्ली सरकार के फैसले से सबक लेते हुए अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के सचिव और सांसद संजय निरूपम ने भी मांग की कि महाराष्ट्र सरकार शहर में हर महीने 500 यूनिट से कम बिजली खपत करने वालों के लिए बिजली की दरों में कमी करे.
मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण को लिखे गए पत्र में मुंबई (नॉर्थ) से लोकसभा सांसद निरूपम ने कहा कि उन लोगों के लिए बिजली की दरों में अच्छी-खासी कमी की जानी चाहिए, जो हर महीने 500 यूनिट से कम की खपत करते हों.
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, 'अनशन पर जाना सिर्फ अन्ना हजारे का हक नहीं है. हम भी ऐसा कर सकते हैं. लिहाजा, मैंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर घरेलू उपभोक्ताओं के लिए बिजली की दरों में तत्काल कमी करने को कहा है. यदि ऐसा नहीं हुआ तो हमारे पास विरोध प्रदर्शन के सिवाय और कोई विकल्प नहीं रह जाएगा. इससे हमारी अपनी सरकार को शर्मिंदगी झेलनी पड़ सकती है.'
निरूपम ने कहा कि बिजली की दरों में कमी के फैसले से जनता की नजरों में कांग्रेस की प्रतिष्ठा बढ़ेगी और समूचे मध्यम वर्ग और झुग्गी-बस्तियों में रहने वाली आबादी के साथ न्याय होगा.
यह पूछे जाने पर कि क्या आपकी मांग को दोहरा रवैया नहीं माना जाएगा, क्योंकि कांग्रेस अक्सर आम आदमी पार्टी के फैसले को ‘लोकप्रियतावादी’ करार देती है, इस पर निरूपम ने कहा, 'यदि कोई अच्छा फैसला देर से भी लिया जाए जो उसका हमेशा स्वागत होता है.'
निरूपम ने कहा, 'अपने पत्र में मैंने दिल्ली सरकार के फैसले का हवाला दिया है. अन्य सरकारों के अच्छे फैसलों से प्रेरणा लेने में कोई हानि नहीं है.' यह पूछे जाने पर कि क्या वह ‘आप’ में शामिल होने के बारे में सोच रहे हैं, इस पर उन्होंने कहा, 'मैं कांग्रेस का सांसद हूं और पार्टी में बना रहूंगा. मैं सिर्फ यह सुनिश्चित करना चाह रहा हूं कि उसकी प्रतिष्ठा कम न हो.' कांग्रेस नेता ने मांग की कि बिजली वितरण कंपनियों द्वारा अपनाए गए लागत ढांचे और कीमतें तय करने के तंत्र की जांच की जाए.
उधर, संजय निरूपम के इस कदम पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब अरविंद केजरीवाल से पूछा गया तो वे मुस्कुरा दिए. उन्होंने कहा, 'हमने तो पहले ही कहा था कि हम सिखाएंगे राजनीति कैसे की जाती है.' पढ़ें केजरीवाल की पूरी प्रेस कॉन्फ्रेंस