scorecardresearch
 

JNU पहुंचे थरूर का विवादित बयान, कहा- देश के टुकड़े-टुकड़े करने वाले चला रहे सरकार

दिल्ली के शाहीन बाग से निकलकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर मेट्रो से जेएनयू पहुंचे. जहां उन्होंने स्टूडेंट्स को संबोधित किया.

Advertisement
X
जेएनयू पहुंचे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर (फोटो-रोहित)
जेएनयू पहुंचे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर (फोटो-रोहित)

Advertisement

  • रविवार को जेएनयू पहुंचे कांग्रेस नेता शशि थरूर
  • शाहीन बाग में CAA को लेकर विरोध प्रदर्शन जारी

नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में दिल्ली के शाहीन बाग में लोगों का प्रदर्शन जारी है. रविवार रात यहां कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर पहुंचे. शशि थरूर धरना-प्रदर्शन कर रही महिलाओं को साहसी बताया. इसके बाद थरूर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) भी पहुंचे. जहां उन्होंने कहा कि इस देश के सरकार ही टुकड़े टुकड़े करना चाहती है.

शाहीन बाग से निकलकर शशि थरूर मेट्रो से जेएनयू पहुंचे. यहां उन्होंने स्टूडेंट्स को संबोधित किया. जेएनयू में थरूर ने कहा कि भारत में पहली बार हमारे संविधान में धार्मिक परीक्षण पेश किया गया है. रोहिंग्या मुसलमानों को भी सताया जाता है, लेकिन उनका एकमात्र दुर्भाग्य यह है कि वे मुस्लिम समुदाय से हैं और यह सरकार द्वारा अनुमोदित नहीं है.

Advertisement

थरूर ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि एनपीआर इस सरकार की ओर से एनआरसी को लागू करने का पिछला तरीका है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासित राज्य एनपीआर या एनआरसी में सहयोग नहीं करेंगे. थरूर ने कहा है, 'सत्तारूढ़ सरकार के जरिए जेएनयू के खिलाफ एक बड़ा एजेंडा है. जो लोग देश के टुकड़े-टुकड़े करना चाहते हैं उसमें देश की सरकार शामिल है. वे असली टुकड़े-टुकड़े गिरोह हैं.'

थरूर पैदल गए थे जामिया यूनिवर्सिटी

शाहीन बाग आने से पहले शशि थरूर जामिया यूनिवर्सिटी गए थे. जाम के कारण शशि थरूर अपनी कार छोड़कर पैदल ही यूनिवर्सिटी चले गए थे. जामिया यूनिवर्सिटी में अपने संबोधन में शशि थरूर ने कहा कि सीएए अलोकतांत्रिक और भेदभावपूर्ण है. यह भारतीय लोकतंत्र पर धब्बा है. बता दें कि पिछले दिनों नागरिकता संशोधन को लेकर जामिया में हिंसा देखने को मिली थी. इस दौरान कई छात्र घायल हो गए थे. पुलिस को इस दौरान आंसू गैस के गोले भी दागने पड़े थे.

एक महीने से चल रहा है प्रदर्शन

शाहीन बाग इलाके में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ करीब एक महीने से शांतिपूर्ण प्रदर्शन जारी है. प्रदर्शनकारी शाहीन बाग में बीच सड़क पर 24 घंटे धरना प्रदर्शन कर रहे हैं और सड़क से हटने के लिए तैयार नहीं हैं. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सरकार जब तक नागरिकता संशोधन कानून को वापस नहीं लेगी, हम सड़क से नहीं हटंगे और शांतिपूर्ण प्रदर्शन जारी रखेंगे.

Advertisement

खुद ही घर चले जाएं तो बेहतर हैः मीनाक्षी लेखी

इधर, बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी ने कहा है कि शाहीन बाग के लोग खुद ही घर चले जाएं तो बेहतर है. मीनाक्षी लेखी ने कहा कि प्रदर्शन की वजह से शाहीन बाग के लोगों की परेशानी बढ़ रही है और वे नाराज हो रहे हैं. इसलिए अच्छा होगा कि प्रदर्शनकारी अब घर चले जाएं.

Advertisement
Advertisement