scorecardresearch
 

कांग्रेसियों में गरीबी के आंकड़े को नीचे ले जाने की होड़

जब से प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता वाले योजना आयोग ने गरीबी का आंकड़ा एक झटके में 17 करोड़ गिराने का चमत्कारिक कदम उठाया है, कांग्रेसियों में आंकड़ों को नीचे ले जाने की होड़ मच गई है. शहर में 33 और गांव में 27 रुपये कमाने वालों को योजना आयोग ने गरीब मानने से इनकार कर दिया तो कांग्रेस के उत्साही प्रवक्ता राज बब्बर ने कह दिया कि मुंबई में 12 रुपए भरपेट भोजन किया जा सकता है.

Advertisement
X
राज बब्‍बर
राज बब्‍बर

जब से प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता वाले योजना आयोग ने गरीबी का आंकड़ा एक झटके में 17 करोड़ गिराने का चमत्कारिक कदम उठाया है, कांग्रेसियों में आंकड़ों को नीचे ले जाने की होड़ मच गई है. शहर में 33 और गांव में 27 रुपये कमाने वालों को योजना आयोग ने गरीब मानने से इनकार कर दिया तो कांग्रेस के उत्साही प्रवक्ता राज बब्बर ने कह दिया कि मुंबई में 12 रुपए भरपेट भोजन किया जा सकता है.

Advertisement

इनके बाद सामने आए दूसरे कांग्रेसी प्रवक्ता रशीद मसूद. उन्होंने कहा कि जामा मस्जिद इलाके में तो महज पांच रुपये में भरपेट भोजन मिलता है. कांग्रेसी नेताओं के बयान की सोशल मीडिया पर बखिया उधेड़ दी गई. किसी ने लिखा, 'खाना नहीं, खाने के लिए शौचालय में पांच रुपये देने पड़ते हैं जनाब.'

लेकिन कांग्रेसियों को शायद इससे फर्क नहीं पड़ा. अगले ही दिन दिल्ली से कांग्रेस के विधायक मुकेश शर्मा ने महज दो रुपये में भरपेट भोजन मिलने का दावा कर दिया. रही-सही कसर मनमोहन सरकार में मंत्री फारुक अब्दुल्ला ने पूरी कर दी. उन्होंने कहा कि अगर इच्छा हो तो आदमी एक रुपये में भी भर पेट भोजन कर सकता है.

मजे की बात यह है कि कोई भी कांग्रेसी पता-ठिकाना नहीं बता रहा कि इतना सस्ता भोजन कहां मिल रहा है. वैसे गैर कांग्रेसी राज्य छत्तीसगढ़ में गरीबों के लिए 5 रुपये में सरकारी दाल-भात सेंटर जरूर बनाए गए हैं. तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता भी महज एक रुपये में लोगों को इडली-सांभर और तीन रुपये में कर्ड-राइस खिला रही हैं. कांग्रेस किसी योजना के बजाए जुबानी जमा-खर्च में ज्यादा लगी है.

Advertisement

हालांकि बवाल में पड़ने के बाद राजबब्बर ने खेद जताया है. अब देखना होगा कि क्या बाकी कांग्रेसियों में भी माफी मांगने की भी होड़ मचती है?

Advertisement
Advertisement