नोटबंदी पर केंद्र सरकार के खिलाफ संसद से सड़क तक लड़ाई ले जाने वाली कांग्रेस पार्टी अब 10 तारीख को जन संवेदना सम्मेलन का आयोजन कर रही है. इस सम्मेलन के जरिये वह अपने पहले चरण के आंदोलन को समाप्त करेगी.
दरअसल कांग्रेस को चिंता इस बात की भी है कि हाल के दिनों में नोटबंदी को लेकर तृणमूल कांग्रेस का मोदी सरकार पर तीखा प्रहार और ममता बनर्जी का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सीधी चुनौती के बाद टीएमसी सरकार के खिलाफ सबसे आक्रामक नजर आ रही है. ऐसे में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की नोट बंदी पर संसद में ली हुई लीड कांग्रेस अब खोती दिख रही है. यही वजह है कि इस सम्मेलन के जरिये वह खुद को जनता के सामने सबसे प्रबल विपक्ष के तौर पर पेश करना चाहती है.
शक्ति प्रदर्शन के तौर पर देखे जा रहा यह सम्मेलन दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में आयोजित किया जा रहा है. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में इसको सफल बनाने की पूरी कोशिश है. इसमें राष्ट्रीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य, प्रवक्ता, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य, विधायक और सांसद भी हिस्सा लेंगे. कुल मिलाकर देश भर से 5000 लोगों के इस सम्मलेन में मौजूद रहने की संभावना है. जाहिर है सम्मेलन में जनता की समस्याओं और नोटबंदी से पैदा हो रही दिक्कतों पर चर्चा होगी.
गौरतलब है कि नोटबंदी पर कांग्रेस लगातार नरेंद्र मोदी सरकार को घेरती रही है, जिसकी शुरुआत खुद कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने संसद से की थी. तमाम विपक्षी दलों को एक ही पटल पर लाकर कांग्रेस पार्टी ने सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश की. इसी कड़ी में जनता का ध्यान आकर्षित करने के लिए कांग्रेस की महिला विंग 9 जनवरी को प्रदर्शन भी करने जा रही है. इसके लिए उसने 'गरीब के जेब खाली, बजाओ ताली' का नारा भी तैयार किया है.