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अंबेडकर की जयंती एक साल तक मनाकर दलितों को लुभाएगी कांग्रेस

अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही कांग्रेस दलित वोट बैंक को लुभाने के लिए अब खुद को भीमराव अंबेडकर की विरासत से जोड़ेगी. कांग्रेस ने शनिवार को ऐलान किया कि आगामी 14 अप्रैल से वह संविधान के रचयिता की 125वीं जयंती का जश्न एक साल तक मनाएगी.

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कांग्रेस खुद को भीमराव अंबेडकर की विरासत से जोड़ेगी
कांग्रेस खुद को भीमराव अंबेडकर की विरासत से जोड़ेगी

अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही कांग्रेस दलित वोट बैंक को लुभाने के लिए अब खुद को भीमराव अंबेडकर की विरासत से जोड़ेगी. कांग्रेस ने शनिवार को ऐलान किया कि आगामी 14 अप्रैल से वह संविधान के रचयिता की 125वीं जयंती का जश्न एक साल तक मनाएगी. इंडिया टुडे-सिसेरो सर्वेः प्रियंका गांधी करेंगी कांग्रेस का बेड़ा पार!

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इस कदम को दलितों का दिल जीतने के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है. बीते कुछ सालों में दलित वोट बैंक कांग्रेस से दूर जा चुका है, जिससे पार्टी को राजनीतिक तौर पर बड़ा झटका लगा. पार्टी के मीडिया प्रमुख रणदीप सुरजेवाला और कांग्रेस के अनुसूचित जाति विभाग के प्रमुख के राजू ने इस कार्यक्रम का ऐलान किया. इसको लेकर एक समिति का गठन किया गया है, जिसकी अध्यक्ष सोनिया गांधी और सह अध्यक्ष राहुल गांधी हैं. इसमें पूर्व केंद्रीय मंत्री सुशील कुमार शिंदे को उपाध्यक्ष बनाया गया है. 'हिंदूवादी थे भीमराव अंबेडकर'

राजू ने कहा कि जश्न समारोह की शुरुआत मध्य प्रदेश के महू से आगामी 14 अप्रैल को होगी. अगले साल अंबेडकर की जयंती के मौके पर नागपुर में समारोह का समापन होगा. सामाजिक परिवर्तन में योगदान देने वाल लोगों को बी आर अंबेडकर पुरस्कार भी दिए जाएंगे.

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-इनपुट भाषा से

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