कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव फिक्स है ऐसा कहने वाले पार्टी नेता शहजाद पूनावाला पर कांग्रेस ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. कांग्रेस पार्टी ने बयान जारी कर कहा है कि शहजाद पूनावाला पिछली कमेटी में थे, इस बार जो कमेटी बनी उसमें वो नहीं हैं. यहां तक कि, वो इस बार कांग्रेस पार्टी के सदस्य तक नहीं बने. ऐसे में जो कांग्रेस का सदस्य तक नहीं उसको मीडिया गंभीरता से न ले.
क्या कहा था शहजाद पूनावाला ने?
राहुल गांधी को कांग्रेस की कमान सौंपे जाने की तैयारियां के बीच कांग्रेस के एक युवा नेता शहजाद पूनावाला ने कहा था वह कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ना चाहते हैं. पूनावाला अक्सर टीवी चैनलों पर पार्टी का बचाव करते दिखते हैं. शहजाद ने कहा था कि कांग्रेस में अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं चयन हो रहा है और सबकुछ फिक्स है. कमेटी इस तरह से बनाई गई है कि राहुल गांधी के नाम पर बस मुहर लगानी है.
कौन हैं शहजाद पूनावाला?
महाराष्ट्र कांग्रेस के सचिव शहजाद पूनावाला ने कांग्रेस में अध्यक्ष की चयन प्रक्रिया पर सवाल उठाया और कहा कि अगर निष्पक्ष चुनाव हुआ तो वह लड़ेंगे. शहजाद पूनावाला ने ट्वीट कर वंशवाद को भी निशाना बनाया और कहा कि एक परिवार से किसी एक को ही पद मिलना चाहिए, चाहे वह कोई भी हो. पूनावाला का ये बयान ऐसे वक्त में आया है जब कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में राहुल की ताजपोशी की तैयारियां जोरों पर हैं.
कहा था- एक्सपोज नहीं सुधार चाहता हूं
शहजाद पूनावाला ने कहा कि 2011 से मैं राहुल गांधी का अप्वाइंटमेंट लेना चाह रहा हूं ताकि उन्हें पार्टी में खामियों के बारे में बता सकूं. शहजाद पूनावाला ने कहा कि मेरा एजेंडा पार्टी को एक्सपोज करना नहीं है बल्कि सुधार करना है. मेरी कोशिश पार्टी में सुधार की है और इंतजार कर रहा हूं कि राहुल गांधी इसपर स्टैंड लेंगे. क्यों नहीं वे एक परिवार के एक सदस्य को ही टिकट देते हैं.
भाई तहसीन पूनावाला ने बनाई दूरी
शहजाद पूनावाला के इस बयान के बाद उनके भाई और कांग्रेस के ही नेता तहसीन पूनावाला ने ट्वीट कर शहजाद के इस बयान से खुद को अलग कर लिया और कहा कि अब उनका शहजाद से कोई लेना-देना नहीं है.
शहजाद की दावेदारी के लिए ये जरूरी
कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए शुक्रवार से नामांकन पत्र दाखिल किए जाने हैं. बताया जा रहा है कि राहुल गांधी 4 दिसंबर को नामांकन पत्र दाखिल करेंगे, क्योंकि राहुल 1 और 2 दिसंबर को केरल में रहेंगे. माना जा रहा है कि राहुल गांधी को चुनाव का सामना नहीं करना पड़ेगा, उन्हें निर्विरोध चुन लिया जाएगा. अगर कोई और पद पर दावेदारी करना चाहेगा तो उसके लिए जरूरी होगा कि प्रदेश कांग्रेस कमिटी के 10 प्रतिनिधि उनका नाम प्रस्तावित करें.