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लोकपाल बिल को लेकर राहुल गांधी का PM मोदी-बीजेपी पर कटाक्ष, पूछा- कब तक करोगे झूठे वादे

कांग्रेस अध्यक्ष ने पीएम मोदी और बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा, ''बीत गए चार साल, नहीं आया लोकपाल. जनता पूछे एक सवाल, कब तक बजाओगे 'झूठी ताल'?''

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राहुल गांधी
राहुल गांधी

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कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने लोकपाल बिल को लागू नहीं करने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी पर एक बार फिर से करारा हमला बोला है. राहुल गांधी ने कहा कि लोकपाल बिल को संसद से पारित हुए चार साल हो चुके हैं, लेकिन अभी तक इसको लागू नहीं किया गया है. उन्होंने पीएम मोदी पर सीधा सवाल दागा कि आखिर वो झूठे वादे करना कब बंद करेंगे?

राहुल गांधी ने लोकपाल को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 18 दिसंबर 2013 को किए ट्वीट के स्क्रीनशॉट को भी पोस्ट किया है. इसमें पीएम मोदी ने ट्वीट किया था, ''मुझे बहुत गर्व है कि लोकपाल बिल पास कराने में सुषमा स्वराज और अरुण जेटली के नेतृत्व में बीजेपी सासंदों ने सकारात्मक और सक्रिय भूमिका निभाई है.''

कांग्रेस अध्यक्ष ने पीएम मोदी और बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा, ''बीत गए चार साल, नहीं आया लोकपाल. जनता पूछे एक सवाल, कब तक बजाओगे 'झूठी ताल'?'' उन्होंने पीम मोदी और बीजेपी नेताओं पर कटाक्ष करते हुए सवाल दागा कि क्या ये लोकतंत्र के रक्षक और जवाबदेही सुनने के अग्रदूत हैं.

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 यह पहला मौका नहीं है, जब राहुल गांधी ने लोकपाल को लेकर पीएम मोदी पर हमला बोला है. इससे पहले 11 दिसबंर को उन्होंने भ्रष्टाचार और लोकपाल बिल को लेकर ट्वीट किया था. उन्होंने कहा था कि पीएम मोदी कहते थे कि वो जवाबदेही सरकार देंगे, तो फिर लोकपाल को क्यों दरकिनार किया.

संसद से लोकपाल पारित होने पर PM मोदी ने किया था ट्वीट

मोदी सराकर ने लोकपाल बिल को 13 दिसंबर 2013 को राज्यसभा में पेश किया था, जो 17 दिसंबर 2013 को पारित हो गया था. इसके बाद 18 दिसंबर 2013 को लोकसभा ने भी इस बिल को पास कर दिया था. इसके बाद 18 दिसंबर को पीएम मोदी ने ट्वीट कर इस बिल को पारित कराने का श्रेय सुषमा स्वराज और अरुण जेटली के साथ बीजेपी सांसदों को दिया था.

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अन्ना आंदोलन के गुजर गए 6 साल

अन्ना हजारे  ने भ्रष्टाचार मुक्त भारत को बनाने के लिए साल 2011 में रामलीला मैदान में आंदोलन किया था. इसके बाद 27 अगस्त 2011 के दिन भारतीय संसद में ‘Sense of the House’ से रिज्युलेशन पास किया गया था. इसमें केंद्र में लोकपाल और हर राज्यों में लोकायुक्त व सिटिजन चार्टर पर जल्द से जल्द कानून बनाने का निर्णय किया गया था. इसके बाद अन्ना हजारे ने अपना आंदोलन स्थगित कर दिया था. इसे लेकर छह साल गुजर चुके हैं.

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