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राहुल गांधी की प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवारी पर मोदी सरकार के मंत्रियों ने बोला हमला

संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार ने राहुल गांधी की उम्मीदवारी पर निशाना साधते हुए कहा कि राहुल गांधी की उम्मीदवारी से विपक्ष की एकता में फूट पड़ना तय है, क्योंकि जो भी विपक्षी पार्टियां हैं उनके यहां भी प्रधानमंत्री बनने के सपने देखे जा रहे हैं.

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कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी

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कांग्रेस वर्किंग कमेटी में राहुल गांधी के प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवारी पर हुई चर्चा पर सरकार के एक के बाद एक कई मंत्रियों ने निशाना साधा है. सरकार के मंत्रियों ने निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस में केवल राहुल गांधी ही नहीं सभी लोग प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार हैं और उनकी सहयोगी पार्टियां भी अपने नेताओं को प्रधानमंत्री बनाना चाहती हैं.

संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार ने राहुल गांधी की उम्मीदवारी पर निशाना साधते हुए कहा कि राहुल गांधी की उम्मीदवारी से विपक्ष की एकता में फूट पड़ना तय है, क्योंकि जो भी विपक्षी पार्टियां हैं उनके यहां भी प्रधानमंत्री बनने के सपने देखे जा रहे हैं. अनंत कुमार ने कहा कि लोकसभा में जिस तरह से अविश्वास प्रस्ताव फेल हुआ उससे विपक्ष की एकजुटता सामने आ गई है. जबकि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में बीजेपी और एनडीए को ज्यादा समर्थन मिला और विपक्ष को करारी हार का सामना करना पड़ा. 

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राहुल गांधी के भूकंप लाने वाले बयान पर हमला करते हुए अनंत कुमार ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव गिरने से भूकंप तो आ ही गया. दूसरा भूकंप राहुल गांधी की उम्मीदवारी से आ जाएगा, जब विपक्ष से रिश्ता अलग होगा. प्रधानमंत्री कार्यालय में मंत्री डॉक्टर जितेंद्र सिंह ने भी राहुल गांधी की प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवारी पर तंज कसा है.

सिंह ने कहा कि कांग्रेस में सभी लोग प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार हैं. इतना ही नहीं विपक्ष में जो भी उनके सहयोगी हैं वहां भी प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवारी के लोग मौजूद हैं. जितने भी फ्रंट बन रहे हैं उनमें भी सभी नेता प्रधानमंत्री बनने का सपना पाले हुए हैं.  प्रधानमंत्री मोदी के सामने कोई भी नहीं टिक पाएगा.

बता दें कि रविवार को दिल्ली में कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक हुई. बैठक के दौरान कुछ नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि महागठबंधन के केंद्र में कांग्रेस रहे और राहुल गांधी ही उसका चेहरा हों. इससे पहले महागठबंधन बनने की स्थिति में कौन उसे लीड करेगा, इसे लेकर अभी कयासों के दौर ही चल रहे थे. कहीं से  ममता बनर्जी की आवाज उठ रही थी, तो कोई मायावती को इसके लिए उपयुक्त उम्मीदवार के तौर पर देख रहा था. लेकिन राहुल गांधी के अध्यक्ष बनने के बाद पहली बार हुई CWC की बैठक में इस बात पर जोर दिया गया कि गठबंधन का चेहरा कांग्रेस नेता ही बने.

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