वायनाड दौरे पर आ रहे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी कालीकट एयरपोर्ट पहुंच गए हैं. एयरपोर्ट पर कांग्रेस और इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) के नेताओं ने राहुल गांधी का स्वागत किया. लोकसभा चुनावों में मिली जीत के बाद पहली बार राहुल अपने संसदीय क्षेत्र में जनता से रूबरू होंगे. यहां वह मतदाताओं का आभार व्यक्त करेंगे. कांग्रेस अध्यक्ष के वायनाड कार्यालय ने ट्वीट कर राहुल के दौरे की जानकारी दी थी.
राहुल गांधी ने 2019 का लोकसभा चुनाव दो सीटों से लड़ा था. यूपी की अमेठी लोकसभा सीट पर करारी हार मिली लेकिन उन्हें केरल की वायनाड सीट पर शानदार जीत मिली थी. अमेठी में बीजेपी उम्मीदवार स्मृति ईरानी ने उन्हें हराया है. राहुल गांधी का ये दौरा अपने आप में बहुत अहम है क्योंकि आम चुनाव में पार्टी को मिली करारी शिकस्त के बाद पहली बार कांग्रेस अध्यक्ष पब्लिक के सामने होंगे और वो भी अपने संसदीय क्षेत्र में.
നിയുക്ത വയനാട് എം.പി, കോൺഗ്രസ്സ് അധ്യക്ഷൻ @RahulGandhi മൂന്ന് ദിവസത്തെ സന്ദർശനത്തിനായി കരിപ്പൂർ വിമാനത്താവളത്തിലെത്തി
Congress President @RahulGandhi arrives at Calicut airport for a three day visit after being elected as the MP from Wayanad. #RahulGandhiWayanad pic.twitter.com/1mffkT2X3n
— Rahul Gandhi - Wayanad (@RGWayanadOffice) June 7, 2019
लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को मिली हार की जिम्मेदारी भी राहुल गांधी ने ली थी और पार्टी की समीक्षा बैठक में इस्तीफे की पेशकश की थी. पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के मनाने के बाद वह अध्यक्ष पद पर बने रहने के लिए सहमत हुए थे. कयास लगाए जा रहे थे कि अगर राहुल गांधी अध्यक्ष पद छोड़ते हैं तो सचिन पायलट को कांग्रेस की कमान मिल सकती है, लेकिन पार्टी के वरिष्ठ नेता लगातार राहुल को मनाने में लगे थे. जिसके बाद राहुल ने कुछ और समय के लिए कांग्रेस अध्यक्ष के पद पर बने रहने के लिए हामी भरी थी.
वायनाड लोकसभा सीट पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने 4,31,770 वोटों के रिकॉर्ड अंतर से जीत हासिल की थी. कांग्रेस प्रमुख ने अपने प्रतिद्वंद्वी सीपीएम के पीपी सुनीर को मात दिया. सुनीर ने 2,74,597 वोट हासिल किए. राहुल गांधी को 7,06,367 वोट मिले थे.
वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस का गढ़ कहे जाने वाले अमेठी में उन्हें बड़ी हार का सामना करना पड़ा. अमेठी से राहुल गांधी अपनी प्रतिद्वंद्वी बीजेपी की स्मृति ईरानी से हार गए. ईरानी से राहुल को 55,000 वोटों के अंतर से शिकस्त मिली.
लोकसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस को 52 सीटें मिली हैं. वहीं कांग्रेस के नेतृत्व वाले गठबंधन यूपीए को 91 सीटों पर जीत हासिल हुई है. सदन में कांग्रेस विपक्षी पार्टी का दर्जा हासिल करने में भी फेल हो गई है. विपक्षी पार्टी बनने के लिए कुल सीटों की 10 प्रतिशत सीटें चाहिए होती हैं. मतलब लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष बनने के लिए राहुल गांधी की पार्टी को 55 सीटें चाहिए थीं.
इसके अलावा इन चुनावों में भी 'मोदी मैजिक' बरकरार रहा. नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चुनाव लड़ने वाली बीजेपी को 303 सीटों पर जीत मिली. वहीं एनडीए को 353 सीटें मिलीं.