राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष पद से पहले ही इस्तीफा दे चुके हैं. उन्होंने इस्तीफा के लिए जो पत्र लिखा था उसे अपने ट्विटर हैंडल से बुधवार को ट्वीट भी कर दिया है.
इस पत्र में राहुल गांधी ने लिखा है कि कांग्रेस पार्टी के लिए काम करना मेरे लिए सम्मान की बात है. कांग्रेस पार्टी की विचारधारा हमेशा से भारत जैसे खूबसूरत देश की सेवा करना रही है. मैं पार्टी अध्यक्ष के रूप में लोकसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस की हार की जिम्मेदारी लेता हूं. पार्टी को भविष्य में आगे बढ़ाने के लिए हार की जिम्मेदारी तय करना जरूरी है. इसलिए मैंने पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया है.
राहुल गांधी ने पत्र में लिखा है कि पार्टी को अगर आगे बढ़ाना है तो 2019 के लोकसभा चुनाव में हार के लिए कई लोगों को जिम्मेदारी लेनी होगी. ऐसे में पार्टी अध्यक्ष होने के नाते अगर मैं हार की जिम्मेदारी नहीं लेता हूं और दूसरो लोगों को जिम्मेदार ठहराता हूं तो यह बेईमानी होगी. मेरे कई सहयोगियों ने मुझसे कहा कि आप पार्टी अध्यक्ष के लिए किसी नाम का चुनाव करें. लेकिन यह अनुचित होगा कि मैं किसी नाम का सुझाव दूं. हमारी पार्टी का इतिहास पुराना है. यह एक विचारधारा वाली पार्टी है और मैं उसका सम्मान करता हूं. ऐसे में मुझे पूरा विश्वास है कि पार्टी किसी एक अच्छे नेता का चुनाव करने में पूरी तरह से सक्षम है जो पार्टी को मजबूत नेतृत्व दे सकता है.
It is an honour for me to serve the Congress Party, whose values and ideals have served as the lifeblood of our beautiful nation.
I owe the country and my organisation a debt of tremendous gratitude and love.
Jai Hind 🇮🇳 pic.twitter.com/WWGYt5YG4V
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 3, 2019
उन्होंने लिखा है कि मैंने इस्तीफा देने के बाद कांग्रेस वर्किंग कमेटी को सुझाव दिया है कि वह कुछ लोगों यह जिम्मेदारी दें और वह एक नए अध्यक्ष का चुनाव करें. मैं इस काम में उनका पूरा सहयोग करूंगा. मेरा संघर्ष कभी बेकार नहीं जाएगा. भाजपा का मैंने हमेशा विरोध किया है. मैं आखिरी दम तक भाजपा की विचारधारा का विरोध करता रहूंगा. मेरा यह विरोध निजी नहीं बल्कि भारत की विचारधारा के आधार पर है. यह कोई नई लड़ाई नहीं है. यह भारत की धरती पर हजारों साल से लड़ी गई है. जब वे द्वेष और घृणा की राजनीति करते हैं तो मैं प्यार की राजनीति करता हूं. यह लड़ाई हमारे करोड़ों भारतीय जनता की लड़ाई है. हमारे संविधान पर हमला देश के ताना-बाना को खराब करने का है. मैं कांग्रेस का एक वफादार सैनिक हूं और भारत माता का सच्चा सपूत भी. ऐसे में देश को बचाने के लिए आखिरी सांस तक लड़ता रहूंगा.
राहुल ने लिखा है कि हमलोगों ने साफ सुथरे तरीके से लोकसभा चुनाव लड़ा है. हमारा कैंपेन देश के सभी धर्मों के लिए भाईचारे के आधार पर था. मैंने प्रधानमंत्री और आरएसएस से लड़ाई लड़ी. मैं उन संस्थाओं के लिए लड़ाई लड़ी जिन पर उन्होंने कब्जा कर लिया. मैंने ये लड़ाई इसलिए लड़ी क्योंकि भारत से प्यार करता हूं. मैंने देश की विचारधारा के लिए यह लड़ाई लड़ी. इस दौरान मैं कई बार अपने आप को बिल्कुल अकेला महसूस किया. इस दौरान मैंने अपनी पार्टी के सदस्यों, महिलाओं और कार्यकर्ताओं से भी बहुत कुछ सीखा. उनके जज्बे और काम करने के तरीके से सीखा.
उन्होंने लिखा है कि इस लड़ाई को आगे बढ़ाने के लिए कांग्रेस पार्टी को नया रूप देना होगा. आज भाजपा भारतीयों की आवाज को दबा रही है. ऐसे में कांग्रेस पार्टी की यह जिम्मेदारी है कि वह उन्हें बचाए. भारत कभी भी एक सुर वाला नहीं रहा है. यहां कई सुरों का समावेश रहा है. यही भारत की पहचान रही है. अंत में मैं हजारों भारतीयों को धन्यवाद देता हूं जिन्होंने मेरा समर्थन किया. मैं पूरी ताकत से कांग्रेस की विचारधारा की लड़ाई लड़ता रहूंगा. मैं हमेशा पार्टी के लिए हाजिर रहूंगा, जब कभी भी मेरी जरूरत होगी या मेरी सलाह मांगी जाएगी. मैं उन कार्यकर्ताओं को भी धन्यवाद देता हूं जिन्होंने कांग्रेस की विचारधारा का लगातार समर्थन किया है. भारत में यह प्रचलन बन गया है कि कोई मजबूत व्यक्ति सत्ता नहीं छोड़ता. लेकिन हम बिना सत्ता के मोह छोड़े विचारधारा की लड़ाई में अपने प्रतिद्वंद्वी को नहीं हरा सकते. मैं एक पैदाइशी कांग्रेसी हूं और पार्टी भी सदा हमारे साथ है. मैं इस बचाने के लिए आखिरी दम तक लड़ूंगा.