कैंब्रिज एनालिटिका-फेसबुक डेटा चोरी मामले पर भारत में सियासी महाभारत छिड़ गई है. बीजेपी द्वारा कांग्रेस को निशाना बनाए जाने पर पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया है, तो बीजेपी नेता जीवीएल नरसिम्हा राव ने राहुल पर पलटवार किया है. राहुल गांधी ने गुरुवार को ट्वीट कर केंद्र सरकार पर निशाना साधा.
राहुल ने लिखा -
समस्याः 39 भारतीयों की मौत; सरकार बैकफुट पर, झूठ बोलते हुए पकड़ी गई
समाधानः कांग्रेस और डेटा चोरी को लेकर कहानी गढ़ो
परिणामः मीडिया नेटवर्क्स के बीच बाइट की होड़, 39 भारतीय रडार से गायब
समस्या हल हो गई.
Problem: 39 Indians dead; Govt on the mat, caught lying.
Solution: Invent story on Congress & Data Theft.
Result: Media networks bite bait; 39 Indians vanish from radar.
Problem solved.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) March 22, 2018
राहुल के ट्वीट के बाद बीजेपी नेता जीवीएल नरसिम्हा राव ने भी ट्वीट कर कांग्रेस अध्यक्ष पर तंज कसा. उन्होंने कहा कि राहुल की अगुवाई वाली कांग्रेस पार्टी को 26 राज्यों में हार मिली है. और कर्नाटक के साथ 2019 के लोकसभा चुनावों में भी पार्टी की हार निश्चित है!
Problem: Rahul led @INCIndia to defeats in 26 states.Balle Balle only in Punjab & two!
Solution: Resort to lies, propaganda,block Parliament, fake social media support,get thrashed at overseas events.
Result: Loss in Karnataka & Mizoram soon & LS 2019
Problem CANNOT be solved https://t.co/V3t688uMMR
— GVL Narasimha Rao (@GVLNRAO) March 22, 2018
बता दें कि अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रम्प की मदद करने वाली एक फर्म ‘कैम्ब्रिज एनालिटिका’ पर लगभग 5 करोड़ फेसबुक यूजर्स की निजी जानकारी चुराने के आरोप लगे हैं. इस जानकारी को कथित तौर पर चुनाव के दौरान ट्रंप को जिताने में सहयोग और विरोधी की छवि खराब करने के लिए इस्तेमाल किया गया है. इसे फेसबुक के इतिहास का सबसे बड़ा डेटा लीक कहा जा रहा है.
इसके बाद बुधवार को केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कैंब्रिज एनालिटिका का कनेक्शन कांग्रेस से जोड़ते हुए कई आरोप लगा डाले. प्रसाद ने आरोप लगाया कि कैंब्रिज एनालिटिका के कांग्रेस पार्टी के साथ संबंध हैं. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के सोशल मीडिया प्रोफाइल में कैंब्रिज एनालिटिका की क्या भूमिका है. उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने 2019 के चुनाव अभियान के लिए कैंब्रिज एनालिटिका की सेवा ली है. मीडिया के एक वर्ग द्वारा इसे ब्रह्मास्त्र कहा जा रहा है.
कांग्रेस का आरोप- भगवा दल ने बिहार-गुजरात चुनावों में ली CA की सेवा
केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद द्वारा सोशल साइटों से डेटा निकालने वाली कंपनी कैम्ब्रिज एनेलिटिका का संबंध कांग्रेस से जोड़ने पर पलटवार करते हुए विपक्षी दल ने कहा कि यह भगवा दल था जिसने बिहार एवं गुजरात चुनावों में इस विवादास्पद फर्म की सेवाएं ली थीं.
कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने यह दावा किया है कि उनकी पार्टी और उसके अध्यक्ष राहुल गांधी ने लंदन स्थित इस कंपनी की सेवाएं कभी नहीं लीं. कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रसाद की यह टिप्पणी तथ्यों को तोड़ने मरोड़ने और अन्य मुद्दों से देश का ध्यान बंटाने का एक अन्य प्रयास है.
उन्होंने दावा किया कि कंपनी की वेबसाइट में यह कहा गया है कि यह एक अध्ययन एवं संचार अभियान चलाती है और 2010 के बिहार विधानसभा चुनाव के लिए गहन चुनाव विश्लेषण करने के लिए उसके साथ अनुबंध किया गया था. सुरजेवाला ने कहा कि कैम्ब्रिज एनालिटिका एवं अन्य भारतीय फर्म ओबीआई, जिसे एक राजग नेता का पुत्र चलाता है, एक दूसरे के व्यवसाय की प्रतिपूर्ति करते हैं.
सुरजेवाला ने कहा- फेसबुक से प्रधानमंत्री के क्या संबंध हैं?
कांग्रेस नेता ने कहा कि इन कंपनियों की उपलब्धियों में सत्तारूढ़ बीजेपी के लिए चार सफल चुनाव अभियानों का प्रबंधन करना है. उन्होंने दावा किया कि कैम्ब्रिज के स्थानीय साझेदार ओबीआई ने 272 प्लस का लक्ष्य हासिल करने की बात की है. उसने बीजेपी प्रत्याशियों को चुनाव क्षेत्रवार डेटा उपलब्ध करवाये और हरियाणा, महाराष्ट्र, झारखंड एवं दिल्ली में उसके राष्ट्रीय एवं राज्य चुनावों में उसकी मदद की.
प्रसाद द्वारा फेसबुक के बारे में किये गये दावों के बारे में सुरजेवाला ने कहा कि फेसबुक से प्रधानमंत्री के क्या संबंध हैं, यह तो वही बता सकते हैं. उन्होंने कहा कि वह देश के एकमात्र प्रधानमंत्री हैं जो सिलिकान वैली में फेसबुक के कार्यालय में गये थे और उसके संस्थापक मार्क जकरबर्ग से मिले थे.
रविशंकर प्रसाद ने फेसबुक को दी चेतावनी
सूचना प्रौद्योगिकी और कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक को आगाह किया कि यदि उसने देश की चुनाव प्रक्रिया को किसी भी अवांछित तरीके से प्रभावित करने का प्रयास किया तो उसे कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा.